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जीएसटी की बैठक में होगा ऐलान, इन चीजों के बढ़ जाएंगे दाम
जीएसटी काउंसिल की बैठक आने वाले 18 दिसंबर को होने वाली है। इस बैठक में अन्य मुद्दों के साथ राज्यों में होने वाली राजस्व कमी और बढ़ती जरूरतों को पूरा करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की बैठक आने वाले 18 दिसंबर को होने वाली है। इस बैठक में अन्य मुद्दों के साथ राज्यों में होने वाली राजस्व कमी और बढ़ती जरूरतों को पूरा करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके लिए कुछ चीजों को टैक्स के दायरे में लाने पर भी विचार किया जा रहा है। जीएसटी काउंसिल की यह बैठक ऐसे समय होने जा रही है, जब जीएसटी संग्रह उम्मीद से कम है। अबतक जीएसटी राजस्व वसूली संतोषजनक नहीं रही है। इसकी वजह से केन्द्र तथा राज्यों की जीएसटी क्लेक्शन में कमी आ गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब कई राज्यों का मुआवजा भी लंबित है। राज्य उन्हें जल्द से जल्द इसकी भरपाई किये जाने की मांग कर रहे हैं।
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बढ़ेंगे रोजमर्रा की चीजों के दाम
*रॉ सिल्क, लग्जरी हेल्थकेयर, हाई वैल्यूम होम लीजिंग, ब्रांडेड सीरियल्स, पिज्जा, रेस्टोरेंट, क्रूज शिपिंग, प्रिंट एडवरटाइजिंग, एसी ट्रेन टिकट्स, ऑलिव ऑयल जैसे दर्जनों ऐसी चीजों के रेट में बदलाव आएगा।। यानी इनकी दरों में बढ़ोतरी करके जीएसटी राजस्व बढ़ाने पर विचार होगा।
*जीएसटी स्लैब में भी बदलाव करने की चर्चा है। सबसे निचला स्लैब, जो 5 फीसदी वाला स्लैब है उसको बढ़ाकर 6 से 8 फीसदी की सिफारिश राज्यों ने की है। इसके अलावा जिन वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगता है उन्हें भी टैक्स के दायरे में लाया जा सकता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-नवंबर की अवधि में बजट में किए गए अनुमान से 40 फीसदी कम सेंट्रल जीएसटी कलेक्शन हुआ।
*केन्द्र और राज्यों के अधिकारियों ने मंगलवार को बैठक कर जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने की अपनी सिफारिशों को अंतिम रुप दिया। इसमें कई विकल्पों पर विचार किया गया जिनमें से एक यह है कि पांच प्रतिशत की दर को बढ़ाकर 8 प्रतिशत और 12 प्रतिशत की दर को बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया जायेजीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाये जाने के मामले में विस्तृत चर्चा जीएसटी काउंसिल की बैठक के दौरान ही दिया जायेगा।
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जीएसटी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से नवंबर की अवधि में केन्द्रीय जीएसटी प्राप्ति 2019- 20 के बजट अनुमान से 40 प्रतिशत कम रही है। इस अवधि में वास्तविक सीजीएसटी संग्रह 3,28,365 करोड़ रुपये रहा है जबकि बजट अनुमान 5,26,000 करोड़ रुपये रखा गया है। पिछले वित्त वर्ष 2018- 19 में वास्तविक केन्द्रीय जीएसटी प्राप्ति 4,57,534 करोड़ रुपये रहा जबकि वर्ष के लिये अस्थाई अनुमान 6,03,900 करोड़ रुपये का लगाया गया था। इसलिए जीएसटी की बैठक काफी अहम है। पिछले कुछ महीनों के दौरान जीएसटी और उपकर की वसूली काफी कम रही है। जीएसटी काउंसिल की ओर से सभी राज्यों के राज्य जीएसटी आयुक्तों को भेजे गये पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है।