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गुजरात में मोदी-शाह की पकड़ बरकरार, भाजपा ने लिया पंजाब की हार का बदला
राज्यसभा की दोनों सीटों पर हारने वाली कांग्रेस को निकाय चुनाव में सबसे बड़ा झटका लगा है। 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाले एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को भी इन चुनावों में निराशा ही हाथ लगी है। दिल्ली में भाजपा से दो-दो हाथ करने वाली आप की गुजरात में भी एंट्री हो गई है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में हुए निकाय चुनावों के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इस राज्य पर भाजपा के मजबूत पकड़ अभी भी बरकरार है। भाजपा ने अधिकांश सीटों पर विजय का परचम लहराते हुए पंजाब के स्थानीय निकाय चुनाव में हुई हार का बदला ले लिया है। राज्य के छह नगर निगमों के चुनाव में सभी जगहों पर भाजपा का मेयर चुना जाना तय है।
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कांग्रेस और ओवैसी को लगा झटका
एक दिन पहले ही राज्यसभा की दोनों सीटों पर हारने वाली कांग्रेस को निकाय चुनाव में सबसे बड़ा झटका लगा है। 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाले एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को भी इन चुनावों में निराशा ही हाथ लगी है।
फोटो-सोशल मीडिया
दूसरी ओर दिल्ली में भाजपा से दो-दो हाथ करने वाली आप की गुजरात में भी एंट्री हो गई है। बहुजन समाज पार्टी भी गुजरात में 3 सीटों पर विजय हासिल करने में कामयाब रही है।
छह महानगरों में भाजपा के मेयर
गुजरात के छह महानगरों अहमदाबाद, राजकोट, बड़ोदरा, जामनगर, भावनगर और सूरत में हुए निकाय चुनावों में भाजपा ने अपनी ताकत दिखाई है। इन सभी नगर निगमों में भाजपा का मेयर बनना तय है। इन सभी महानगरों में भाजपा ने अन्य दलों पर निर्णायक बढ़त बना ली है।
जामनगर की 64 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने 50 सीटों पर जीत हासिल करके कांग्रेस को काफी पीछे छोड़ दिया है। कांग्रेस यहां सिर्फ 11 सीटें जीतने में कामयाब हो सकी। बसपा ने यहां 3 सीटें जीतकर हर किसी को हैरान कर दिया है।
फोटो-सोशल मीडिया
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सूरत में कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका
इसी तरह भावनगर की 52 सीटों में से भाजपा 44 सीटों पर विजयी हुई है और कांग्रेस के खाते में सिर्फ 8 सीटें गई हैं। सूरत नगर निगम के चुनाव कांग्रेस के लिए सबसे निराशाजनक रहे और 120 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस अभी तक एक भी सीट नहीं हासिल कर सकी है। अभी यहां पर मतगणना का काम चल रहा है और भाजपा ने 120 में से 55 सीटों पर जीत हासिल कर ली है।
आप ने दिखाई सूरत में ताकत
सूरत में आप ने धमाकेदार एंट्री दर्ज कराते हुए 25 सीटों पर जीत हासिल की है और मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने वाली आप की इस कामयाबी पर सियासी दिग्गज भी हैरान है।
फोटो-सोशल मीडिया
आप की ओर से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यहां पर पार्टी प्रत्याशियों का प्रचार किया था और पार्टी अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराने में कामयाब रही है।
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गुजरात की सड़कों पर जश्न का माहौल
गुजरात निकाय चुनाव में बड़ी जीत के बाद बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर निकल आए और चारों ओर जीत का जश्न मनाया जाने लगा। ढोल नगाड़ों की थाप पर भाजपा कार्यकर्ता जमकर थिरके।
निकाय चुनाव में भाजपा की इस बड़ी जीत पर शाम को अहमदाबाद में विजयोत्सव का आयोजन किया गया है जिसमें हिस्सा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी अहमदाबाद पहुंच गए हैं। शाह मतदान के दिन भी गुजरात पहुंचे थे और उन्होंने परिजनों के साथ वोट डाला था।
सीएम ने मोदी और शाह की जीत बताया
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने भाजपा की जीत पर ट्वीट करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने एक बार फिर मोदी और शाह में भरोसा जताते हुए भाजपा की झोली भर दी है।
भाजपा के गढ़ में दूसरे दल हुए फेल
गुजरात में स्थानीय निकाय के चुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया है कि गुजरात अभी भी भाजपा का गढ़ बना हुआ है और फिलहाल कोई सियासी दल भाजपा के इस दुर्ग में सेंध लगाने में कामयाब होता नहीं दिख रहा है।
निकाय चुनावों में स्थानीय मुद्दों की गूंज ज्यादा होती है मगर पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह का गृह राज्य होने के कारण हर किसी की नजर इस चुनाव पर टिकी हुई थी। चुनाव नतीजों ने साफ कर दिया है कि मोदी और शाह के राज्य में अभी दूसरे सियासी दलों की खिचड़ी नहीं पकने वाली।
फोटो-सोशल मीडिया
राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस को झटका
अभी एक दिन पहले हुए राज्यसभा चुनाव में झटका खाने वाली कांग्रेस को निकाय चुनावों में भी जबर्दस्त झटका लगा है। राज्य की दो राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने दोनों सीटों पर विजय हासिल करके कांग्रेस को करारा झटका दिया है। कांग्रेस के चाणक्य माने जाने वाले अहमद पटेल की सीट भी कांग्रेस हार गई है।
हार्दिक पटेल नहीं दिखा सके कमाल
कांग्रेस ने गुजरात में पार्टी को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी पिछले साल हार्दिक पटेल को सौंपी थी और उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।
हार्दिक ने निकाय चुनावों के लिए पार्टी प्रत्याशियों का जमकर प्रचार किया था मगर हार्दिक इन चुनावों में अपना असर दिखाने में पूरी तरह नाकामयाब रहे। सूरत को पाटीदार समुदाय का गढ़ माना जाता है मगर यहां कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा है और पार्टी को यहां बुरी हार झेलनी पड़ी है।
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रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी