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H3N2 Influenza: एच3एन2 के मामले बढ़े, फ्लू टीका लगवाने की डिमांड बढ़ी

H3N2 Influenza: एच3एन2 वायरस से संक्रमित मरीजों में एक नया लक्षण देखने को मिल रहा है। मरीज कान में भारीपन या कान बन्द होने की शिकायत कर रहे हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 14 March 2023 3:04 PM IST (Updated on: 14 March 2023 3:14 PM IST)
H3N2 Influenza: एच3एन2 के मामले बढ़े, फ्लू टीका लगवाने की डिमांड बढ़ी
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H3N2 Influenza: एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस देश भर में चिंता का विषय बन गया है। निमोनिया जैसी स्थिति में आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ती जा रही है। दिल्ली में मरीजों की संख्या के साथ साथ फ्लू का टीका लगवाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

नया लक्षण

एच3एन2 वायरस से संक्रमित मरीजों में एक नया लक्षण देखने को मिल रहा है। मरीज कान में भारीपन या कान बन्द होने की शिकायत कर रहे हैं। डॉक्टर इसे 'अतिरिक्त लक्षण' बता रहे हैं। बीमारी के पांचवें या छठे दिन मरीजों को कान में कुछ भरा होने का अनुभव हो रहा है। ये लक्षण आमतौर पर युवा वयस्कों में अधिक बताया जा रहा है।

टीके की डिमांड

रिपोर्ट्स के अनुसार दिल्ली में पिछले 8-10 दिनों के दौरान फ्लू शॉट और टीकाकरण के लिए पूछताछ बढ़ी है। सर गंगा राम अस्पताल के चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ. एसपीबी बोयत्रा ने बताया कि पिछले साल की तुलना में हाल के दिनों में करीब 50 प्रतिशत अधिक लोगों ने सालाना फ्लू का टीका लिया है। लोग घबरा रहे हैं और कई जागरूक भी हैं। दरअसल, कोरोना के बाद टीकाकरण के बारे में बढ़ी जागरूकता भी टीकाकरण में वृद्धि का एक कारण है। हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि टीकाकरण के तुरंत बाद लोगों को वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा नहीं मिलेगी। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि टीका तुरंत प्रतिरक्षा नहीं देगा। एंटीबॉडी विकसित करने में कम से कम दो-तीन सप्ताह लगेंगे। डॉक्टरों का कहना है कि जोखिम वाले समूहों और जानलेवा बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए टीकाकरण अनिवार्य होना चाहिए।

कई दिन रहती है परेशानी

एच3एन2 वायरस के संक्रमण के कारण 3 से 5 दिन तक बुखार रहता है और तीन हफ्ते तक खांसी और जुकाम बना रहता है। इन्फ्लुएंजा का ये सब वेरियंट अन्य वेरियंट की तुलना में ज्यादा तीव्र प्रहार करता है जिस कारण ज्यादा मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने का कारण बनता है। इसके लक्षणों में लगातार खांसी, सिरदर्द, बुखार और साइनस से संबंधित शिकायत शामिल हैं। आईसीएमआर ने हाल ही में एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को इस इन्फ्लूएंजा के प्रकोप में खुद से इलाज करने और एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से बचने के लिए कहा है।

एहतियात बरतने की जरूरत

इस वायरस से बचने के लिए लोगों को फेस मास्क का उपयोग करने और हाथ की स्वच्छता का पालन करने की आवश्यकता है। चूंकि कोरोना भी मौजूद है सो अतिरिक्त सावधानी और एहतियात जरूरी है। लंबे समय तक घरों में बन्द रहने, तमाम प्रोटोकॉल का पालन करने आदि से लोगों की प्रतिरक्षा क्षमता भी कमजोर पड़ी है।



Neel Mani Lal

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