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हलवा सेरेमनी : मोदी सरकार के बजट में, इस बार महिला के हाथ में है आपका भविष्य   

हलवा बनने के बाद से मंत्रालय के 100 से अधिक लोग बजट बनाने में दिन-रात लग जाते हैं। बजट पेश होने से लगभग एक सप्ताह पहले से तो इन लोगों को 24 घंटे नॉर्थ ब्लॉक में ही गुजारना पड़ता है। एक बार कैद होने के बाद वित्त मंत्री द्वारा लोक सभा में बजट पेश करने के बाद ही इन्हें नॉर्थ ब्लॉक से बाहर जाने की इजाजत मिलती है।

SK Gautam
Published on: 22 Jun 2019 12:16 PM GMT
हलवा सेरेमनी : मोदी सरकार के बजट में, इस बार महिला के हाथ में है आपका भविष्य   
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी पारी वाली सरकार का बजट की शनिवार से छपाई शुरू हो गई। नॉर्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में हलवा सेरेमनी के साथ ही 100 अधिकारी और कर्मचारी अगले 15 दिनों के लिए कैद हो गए। इस बार हलवा सेरेमनी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सभी कर्मचारियों के साथ मिलकर हलवा खाकर छपाई को शुरू किया।

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100 से अधिक लोग बजट बनाने में दिन-रात लग जाते- नहीं निकल पाते हैं बाहर

हलवा बनने के बाद से मंत्रालय के 100 से अधिक लोग बजट बनाने में दिन-रात लग जाते हैं। बजट पेश होने से लगभग एक सप्ताह पहले से तो इन लोगों को 24 घंटे नॉर्थ ब्लॉक में ही गुजारना पड़ता है। एक बार कैद होने के बाद वित्त मंत्री द्वारा लोक सभा में बजट पेश करने के बाद ही इन्हें नॉर्थ ब्लॉक से बाहर जाने की इजाजत मिलती है। 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोक सभा में बजट पेश करेंगी।

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जानिए क्यों होती है हलवा सेरेमनी

बजट छपाई एक तरह से पूर्णतया गोपनीय काम होता है। इससे जुड़ी जाटिल प्रक्रिया को हल्का-फुल्का करने के लिए हलवा सेरेमनी का आयोजन होता है। बजट छपाई की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कटे रहते है। इन 100 अधिकारियों व कर्मचारियों को घर जाने की भी इजाजत नहीं होती है। वित्त मंत्रालय के बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है।

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वित्त मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होती है

इस दौरान वित्त मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद होती है। किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वित्त मंत्रालय में नहीं होता है। छपाई से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों को भी बाहर आने या फिर अपने सहयोगियों से मिलने की भी मनाही होती है। अगर किसी विजिटर का आना बहुत जरूरी है तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अंदर भेजा जाता है।

SK Gautam

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