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Happy New Year! जानिए 1 जनवरी का इतिहास, कैसे मनाना शुरू हुआ नववर्ष
नव वर्ष का उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में मनाया जाता था। लेकिन उस समय नए वर्ष का ये त्यौहार 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि (हिन्दुओं का नववर्ष) भी माना जाता था। प्राचीन रोम में भी ये तिथि नव वर्षोत्सव के लिए चुनी गई थी।
लखनऊ: दुनिया का हर व्यक्ति पूरे एक साल यानि कि 12 महीने, जनवरी से लेकर दिसंबर तक का सफर अपनी जिंदगी में जबतक जीता है तब तक ये सफर पूरा करता है। दिसंबर का महीना जैसे ही ख़तम होता है और 31 तारीख आता है। लोग नये साल के जश्न की तैयारी करने लगते हैं। 31 दिसंबर की रात्रि में एक-दूसरे को हैपी न्यू इयर कहते हुए नववर्ष की शुभकामनाएं देते हैं ।
भारतीय वर्षारंभ दिन चैत्र प्रतिपदा पर नववर्ष मनाया जाता है
अब यहां हम आपको ये बताना चाहते हैं कि यदि हम अपने देश भारत के कैलेंडर की बात करें तो भारतीय संस्कृति के अनुसार चैत्र-प्रतिपदा ही हिंदुओं का नववर्ष का दिन है। किंतु हम हिन्दुस्तानी भी 31 दिसंबर की रात्रि में नववर्ष मनाने लगे हैं और भारतीय वर्षारंभ दिन चैत्र प्रतिपदा पर नववर्ष मनाना और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देनेवाले हिंदुओं के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं ।
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बता दें कि नव वर्ष का उत्सव 4000 वर्ष पहले से बेबीलोन में मनाया जाता था। लेकिन उस समय नए वर्ष का ये त्यौहार 21 मार्च को मनाया जाता था जो कि वसंत के आगमन की तिथि (हिन्दुओं का नववर्ष) भी माना जाता था। प्राचीन रोम में भी ये तिथि नव वर्षोत्सव के लिए चुनी गई थी।
जूलियस सीजर ने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर की स्थापना की
लेकिन रोम के तानाशाह जूलियस सीजर को भारतीय नववर्ष मनाना पसन्द नही आ रहा था इसलिए उसने ईसा पूर्व 45वें वर्ष में जूलियन कैलेंडर की स्थापना की, उस समय विश्व में पहली बार 1 जनवरी को नए वर्ष का उत्सव मनाया गया। ऐसा करने के लिए जूलियस सीजर को पिछला वर्ष, यानि, ईसापूर्व 46 ईस्वी को 445 दिनों का करना पड़ा था । उसके बाद भारतीय नववर्ष को छोड़कर ईसाई समुदाय उनके देशों में 1 जनवरी से नववर्ष मनाने लगे ।
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भारत देश में अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कम्पनी की 1757 में स्थापना की । उसके बाद भारत को 190 साल तक गुलाम बनाकर रखा गया। इसमें वो लोग लगे हुए थे जो भारत की ऋषि-मुनियों की प्राचीन सनातन संस्कृति को मिटाने में कार्यरत थे। लॉड मैकाले ने सबसे पहले भारत का इतिहास बदलने का प्रयास किया जिसमें गुरुकुलों में हमारी वैदिक शिक्षण पद्धति को बदला गया ।
भारत का प्राचीन इतिहास बदला गया जिसमें भारतीय अपने मूल इतिहास को भूल गये और अंग्रेजों का गुलाम बनाने वाला इतिहास याद रह गया और आज कई भोले-भाले भारतवासी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष नही मनाकर 1 जनवरी को ही नववर्ष मनाने लगे ।
यह भी जान लें-
- मुस्लिम धर्म के अनुसार नया साल होता है वो हिजरी कहलाता है इस समय 1438 हिजरी चल रही है।
- हिन्दू धर्म का इस समय विक्रम संवत 2075 चल रहा है। इससे सिद्ध हो गया कि हिन्दू धर्म ही सबसे पुराना धर्म है ।