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लगेगा भारी जुर्माना: सरकारी संपत्ति की होगी निगरानी, नुकसान करने पर भारी सजा
हरियाणा सरकार ने अब सख्ती बरतते हुए बड़ा फैसला लिया है। ऐसे में सरकार की संपत्ति को क्षति यानी नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ाई की जाएगी। इस बारे में संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2021 (Damage Recovery Bill 2021) हरियाणा विधानसभा में पास हो गया है।
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने अब सख्ती बरतते हुए बड़ा फैसला लिया है। ऐसे में सरकार की संपत्ति को क्षति यानी नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ाई की जाएगी। इस बारे में संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2021 (Damage Recovery Bill 2021) हरियाणा विधानसभा में पास हो गया है। इस विधेयक के तहत अब संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली की जाएगी। बता दें, इसका विस्तार सम्पूर्ण हरियाणा राज्य में होगा। बृहस्पतिवार को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2021 सदन में पास हुआ।
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सजा का और जुर्माने का प्रावधान
गुरूवार को हरियाणा विधानसभा में पास हुए इस विधेयक के तहत अगर आंदोलन के दौरान किसी भी प्रॉपर्टी को नुकसान होता है उसकी भरपाई आंदोलनकारियों से होगी, इसमें सजा का और जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।
इस सत्र के दौरन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि चाहे सरकारी हो या प्राइवेट, किसी संपत्ति का इसका नुकसान होता है तो वह ठीक नहीं है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में बात रखने, धरना देने की बात ठीक है, लेकिन इसकी आड़ में हिंसा की छूट किसी को नहीं है।
फोटो-सोशल मीडिया
आगे सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को IPC में सजा का प्रावधान है लेकिन इसमें नुकसान भरपाई का प्रावधान नहीं। यदि है भी तो वह काफी लंबा है। इस विधयेक का किसान आदोंलन या कृषि कानून से कोई लेना देना नहीं।
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विपक्ष ने विरोध किया
लेकिन विधानसभा में इस विधेयक का विपक्ष ने विरोध भी किया। इस पर सीएम खट्टर ने कहा कि विरोध के पीछे विपक्ष की मानसिकता है कि यह किसानों के आंदोलन को लेकर लाया गया है जबकि ऐसा नहीं है।
सरकारी संपत्ति को लेकर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हिंसा करने वाले के मन में डर हना जरूरी है। विपक्ष निराधार बात करके अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इस कड़ी में मुख्यमंत्री ने विपक्ष को कहा है कि आप हर 6 महीने में अविश्वास प्रस्ताव लाओ, हम तैयार हैं। धर्मांतरण कानून को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा इसमें कुछ लीगल ओपिनियन की आवश्यकता थी। अगले सत्र में या फिर इसे जल्द अध्यादेश के रूप में लाया जाएगा।
दूसरी तरफ हरियाणा के विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि विधानसभा में जो सरकार बिल लेकर आई थी उससे कहीं न कहीं प्रजातंत्र का गला घुटने का काम किया गया है। सरकार जो बिना सोचे समझे बिल लाई है हम यह मांग करते हैं कि सरकार इस बिल को वापस करे।
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