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Nuh Violence: 600-700 दंगाइयों ने किया पुलिस पर हमला, साजिशन चली पत्थर-गोलियां, FIR में इंस्पेक्टर का दहलाने वाला खुलासा

Nuh Violence: नूंह हिंसा मामले में दर्ज एफआईआर में इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने दर्ज बयान में बताया कि किस तरह 600-700 लोगों की उन्मादी भीड़ आई और पुलिस पर पत्थर बरसाने लगी। बाद में फायरिंग भी की।

Aman Kumar Singh
Published on: 2 Aug 2023 10:11 PM IST (Updated on: 2 Aug 2023 10:14 PM IST)
Nuh Violence: 600-700 दंगाइयों ने किया पुलिस पर हमला, साजिशन चली पत्थर-गोलियां, FIR में इंस्पेक्टर का दहलाने वाला खुलासा
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Nuh Violence (Social Media)

Nuh Violence: हरियाणा के नूंह जिले में भड़की हिंसा के बाद अब पुलिसिया कार्रवाई तेज हो गई है। हरियाणा पुलिस (Haryana Police) की ओर से दर्ज एफआईआर ये इशारा करती है कि पुलिस पर हमला करने के पीछे 'सुनियोजित साजिश' (Well-Planned Conspiracy) थी। पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की धमकियों की भी बात भी सामने आई है। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि नूंह में कई जगहों पर सैकड़ों लोगों की भीड़ ने जान लेने की मकसद से पुलिस पर अटैक किया था। उन्मादियों के हमले में दो पुलिस वालों की जान गई, जबकि कई पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई।

साइबर सेल पुलिस स्टेशन (Cyber Cell Police Station) पर हमले के संबंध में एक एफआईआर में कहा गया है कि सैकड़ों की संख्या में लोगों ने इसे घेर लिया था। जमकर पथराव किया ,भड़काऊ नारे भी लगाए। कहते सुने गए कि वो पुलिसवालों को जिंदा जला देंगे। प्राथमिकी में इस बात का भी जिक्र है कि इसके बाद ही उपद्रवियों ने एक बस का इस्तेमाल कर पुलिस स्टेशन के में गेट और दीवार को तोड़ दिया। पुलिस दफ्तर के ऊपर चढ़ गए और अवैध हथियारों का प्रयोग किया और पुलिस वालों पर गोलीबारी शुरू कर दी।

तावडू में 600 से 700 उन्मादी उपद्रवियों को देखा

नूंह हिंसा (Haryana Nuh Violence) मामले में एक एफआईआर में इंस्पेक्टर पंकज कुमार के बयान दर्ज किए गए हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि, 'हमने तावडू में 600 से 700 उपद्रवियों को देखा था। भीड़ में शामिल लोग 'अल्लाह-ओ-अकबर' के नारे लगा रहे थे। कुछ देर बाद उन्मादी भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर जमकर पथराव कर दिया। भीड़ का पथराव लगातार जारी रहा। तभी बीच से कुछ लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। पंकज कुमार का कहना है कि, उन्होंने और इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने माइक्रोफोन के जरिए भीड़ को समझाने की हरसंभव कोशिश की। उन्हें कानून अपने हाथ में लेने से रोका। लेकिन, भीड़ का पथराव जारी रहा। गोलियां चलती रहीं। तभी एक गोली इंस्पेक्टर अनिल कुमार को लगी। वो घायल हो गए। एक अन्य ASI जगवीर भी घायल हो गए।'

'सोची-समझी साजिश थी'

इंस्पेक्टर पंकज कुमार ने अपने बयान में कहा, उग्र भीड़ बेकाबू हो चुकी थी। उत्पति भीड़ ने पुलिसकर्मियों को जान से मारने की नीयत से पथराव और गोलीबारी की। उन्होंने बताया कि, ये घटना पूरी तरह सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया है।

मैं उनमें कुछ लोगों को पहचान सकता हूं

एफआईआर में ये भी कहा गया है कि, 'मजबूरन पुलिस वालों को AK-47 और सर्विस पिस्टल से हवाई फायरिंग करनी पड़ी। मगर, उपद्रवियों की मंशा पूर्व नियोजित तरीके से साजिश के तहत पुलिस पर हमला करने की थी। पंकज कुमार कहते हैं, मैं उनमें कुछ लोगों को पहचान सकता हूं। उन्होंने मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।'

आंसू गैस नाकाफी, चलानी पड़ी 100 राउंड गोलियां
नूंह में हिंसा बढ़ते देख पुलिसकर्मियों ने पहले आंसू गैस का इस्तेमाल किया। मगर, कोई फायदा नहीं हुआ। फिर सेल्फ डिफेन्स में उन्हें 100 राउंड से अधिक गोलियां चलानी पड़ीं। FIR में कहा गया है, कि 'प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन परिसर के भीतर 15 से अधिक वाहनों को जला दिया। अतिरिक्त सुरक्षा बल के पहुंचने के बाद वहां से तुरंत चले गए, लेकिन पुलिसकर्मियों को मारने की चेतावनी देते रहे।'



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Aman Kumar Singh

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