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Nuh Violence: नूंह सांप्रदायिक हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, हेट स्पीच पर रोक लगाने का दिया आदेश

Nuh Violence: रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने हरियाणा के पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया कि वे किसी को भी किसी समुदाय के खिलाफ हेट स्पीच ना देने दें।

Krishna Chaudhary
Published on: 2 Aug 2023 2:52 PM IST (Updated on: 2 Aug 2023 3:14 PM IST)
Nuh Violence: नूंह सांप्रदायिक हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, हेट स्पीच पर रोक लगाने का दिया आदेश
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Nuh Violence Update (photo: social media )

Nuh Violence: बीते तीन दिनों से सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस रहे हरियाणा के हालात अभी भी नाजुक हैं। वीएचपी और बजरंग दल जैसे हिंदूवादी संगठन दिल्ली-एनसीआर के कई हिस्सों में सोमवार को भड़की हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जिस पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने हरियाणा के पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया कि वे किसी को भी किसी समुदाय के खिलाफ हेट स्पीच ना देने दें।

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ ने याचिकाकर्ता द्वारा रैली पर रोक लगाने की मांग को ठुकरा दिया है। कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार और राज्य की पुलिस ये सुनिश्चित करे कि किसी तरह की हिंसा न हो और इन रैलियों में किसी के भी खिलाफ हेट स्पीच का इस्तेमाल न हो। संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी का इस्तेमाल करें और जहां जरूरी हो वहां वीडियो रिकॉर्डिंग करें और फुटेज सुरक्षित भी रखें। इस मामले की अगली सुनवाई परसों यानी शुक्रवार 4 अगस्त को होगी।

याचिका में क्या दी गई थी दलील ?

सोमवार को नूंह में वीएचपी और बजरंग दल की बृजमंडल यात्रा पर पथराव करने के बाद राज्य में सांपद्रायिक हिंसा भड़क उठी थी। जो कल यानी मंगलवार तक जारी रही। बुधवार को भी अधिकांश इलाकों में तनाव पसरा हुआ है। इस बीच वीएचपी और बजरंग दल ने हिंसा के विरोध में आज दिल्ली-एनसीआर के 23 इलाकों रैली करने का ऐलान कर दिया। जिसके खिलाफ सीनियर अधिवक्ता सीयू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की ।

याचिका में इन विरोध-प्रदर्शनों पर रोक लगाने की मांग की गई है। क्योंकि इससे तनाव और पनप सकता है। बुधवार को शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि संवेदनशील इलाकों में प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया है, जिससे माहौल और बिगड़ सकता है। इस पर कोर्ट ने हरियाणा सरकार से ये सुनिश्चित करने को कहा कि प्रदर्शन के दौरान कोई भड़काऊ बयानबाजी और हिंसा न हो।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने की। अदालत की ओर से हरियाणा के साथ – साथ यूपी और दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी किया गया है। 4 अगस्त को उन्हें अपने जवाब के साथ कोर्ट में पेश होना है। उधर, हरियाणा सरकार ने राज्य में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए एसआईटी बना दी है। हर टीम को सात से आठ केस जांच के लिए सौंपे जाएंगे।



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Krishna Chaudhary

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