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Haryana Nuh Violence: हिंसा में जल रहा हरियाणा, दहशत में प्रवासी मजदूर, पलायन का इरादा
Haryana Nuh Violence: झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले इन मजदूरों को अपनी जान का डर सता रहा है। पुलिस सुरक्षा के बावजूद इन्हें लग रहा है कि निकल जाने में ही भलाई है। इन प्रवासियों का दावा है कि वे पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
Haryana Nuh Violence Update: हरियाणा के नूह के बाद गुरुग्राम में हुई घटनाओं से प्रवासी मुस्लिम मजदूर दहशत में और वापस जाने की सोच रहे हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले इन मजदूरों को अपनी जान का डर सता रहा है। पुलिस सुरक्षा के बावजूद इन्हें लग रहा है कि निकल जाने में ही भलाई है। इन प्रवासियों का दावा है कि वे पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के जुलूस को रोकने की कोशिश को लेकर नूह में भड़की हिंसा गुरुग्राम तक फैल गईं है।
हिंसा के बाद क्या है हरियाणा का हाल
पुलिस के अनुसार, वजीराबाद, घाटा गांव, सेक्टर 70ए और बादशाहपुर में झुग्गियों में रहने वाले कई लोग, जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम हैं और ये सब अपने मूल स्थान पर लौट रहे हैं। बताया जाता है कि मानेसर, टीकली, कसान, आईएमटी और कुछ अन्य क्षेत्रों से भी कई लोग अपने मूल स्थानों पर लौटने के बारे में सोच रहे हैं। ये प्रवासी श्रमिक ड्राइवर, माली, रेहड़ी-पटरी वाले, नौकर और नौकरानी के रूप में काम करते हैं। 1 अगस्त की देर रात सेक्टर 70ए में एक गोदाम और एक दुकान में आग लगने के बाद प्रवासी श्रमिकों में काफी दहशत है।
एक ऑटो-रिक्शा चालक रहमत अली के अनुसार, 1 अगस्त की रात को कुछ लोग मोटरसाइकिल पर आए और हमें धमकी दी कि अगर हम वहां से नहीं गए तो वे हमारी झुग्गी में आग लगा देंगे। पुलिस यहां मौजूद है लेकिन मेरा परिवार डरा हुआ है और हम शहर छोड़ रहे हैं। अली की तरह, कई अन्य लोग हैं जिन्होंने मिलेनियम सिटी छोड़ने का फैसला किया है, जो देश भर से कई प्रवासी लोगों को आजीविका प्रदान करता है।
झुग्गी बस्ती में रहने वाली एक महिला के अनुसार वह तीन साल पहले काम की तलाश में गुरुग्राम आई थी। नौकरानी के रूप में काम करने वाली इस महिला ने कहा - मुझे अपनी जान और संपत्ति का डर है और मैंने अपने घर वापस जाने का फैसला किया है। एक अन्य प्रवासी ने कहा कि वह जोखिम नहीं लेना चाहती है और स्थिति सुधरने पर बाद में वापस आएगी। अपने को पश्चिम बंगाल का बताने वाले खालिद ने कहा कि उनके पास शहर छोड़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। उसने कहा उसकी झुग्गी के मालिक ने स्पष्ट रूप से कहा कि सांप्रदायिक दंगे भड़कने के बाद वह किसी भी अप्रिय घटना के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
पुलिस का दावा, अब स्थिति सामान्य
पुलिस का कहना है कि गुरुग्राम में अब स्थिति सामान्य है। किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पूरे जिले में पुलिस और आरएएफ तैनात है। लोगों से अफवाहों से बचने की अपील की गयी है। पुलिस के अनुसार, हमारी जानकारी में आया है कि कुछ श्रमिक अपने मूल स्थानों पर लौट रहे हैं लेकिन गुरुग्राम में स्थिति सामान्य है। इस बीच 2 अगस्त को मुख्य सब्जी मंडी के पास गुरुद्वारा रोड और खांडसा मंडी से भी कई फलों की रेहड़ियां गायब पाई गईं। गुरुग्राम के जामा मस्जिद के पास का इलाका भी सुनसान नजर आया। क्षेत्र में मांस की दुकानों सहित अधिकांश दुकानें बंद रहीं।