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कारगिल युद्ध के EX सैनिक ने सच किया सपना, स्टेट सिविल सर्विस EXAM में किया टॉप

जो सपना देखता है उसके सपने पूरे होते हैं। सपने किसी भी उम्र में देख सकते हैं और उसे पूरा कर सकते हैं। चाहे वो सपना कुछ भी हो। इसी तरह पढ़ाई को पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती। इस बात को करगिल युद्ध के पूर्व सैनिक ने सच कर दिखाया है,

suman
Published on: 23 Dec 2019 4:47 AM GMT
कारगिल युद्ध के EX सैनिक ने सच किया सपना, स्टेट सिविल सर्विस EXAM में किया टॉप
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चंडीगढ़ जो सपना देखता है उसके सपने पूरे होते हैं। सपने किसी भी उम्र में देख सकते हैं और उसे पूरा कर सकते हैं। चाहे वो सपना कुछ भी हो। इसी तरह पढ़ाई को पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती। इस बात को करगिल युद्ध के पूर्व सैनिक ने सच कर दिखाया है, जिन्होंने आर्मी से रिटायर होने के बाद अब सिविल सर्विस का पेपर पास कर लिया है। अब वह हरियाणा में ब्यूरोक्रेट नियुक्त होंगे। हन बता रहे हैं।39 साल के नसीब फोगाट की। नसीब ने हरियाणा स्टेट सिविल सर्विस की परीक्षा क्लियर की है। अब जल्द वह अफसर बन जाएंगे।

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साल 1998 की बात है। तब नसीब सिर्फ 17 साल के थे। तब आई बाढ़ ने उनके परिवार की खराब आर्थिक स्थिति थी। खेती में सारी फसल बर्बाद हो गई थी। इस वजह से तब नसीब को पढ़ाई छोड़ी। फिर वह किसी तरह भारतीय सेना में भर्ती हो गए और आर्थिक तौर पर परिवार की मदद करने लगे। उनका बरसों पुराना ऑफिसर बनने का सपना उस वक्त बंद बस्ते में पड़ गया। अब जाकर नसीब ने अपना सपना पूरा किया है। बता दें कि नसीब चरखी दादरी जिले के खाटीवास गांव के रहनेवाले हैं।

पिछले हफ्ते हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) के नतीजे घोषित हुए हैं। इस एग्जाम को नसीब ने न सिर्फ पास किया, बल्कि वह टॉपर्स में शामिल हैं। करगिल युद्ध के पूर्व सैनिक नसीब फोगाट राज्य के उन चुनिंदा नौकरशाहों में से होंगे जिन्हें देश के लिए युद्ध लड़ने का भी अवसर मिला। नसीब ने साल 2014 में सेना से समयपूर्व रिटायरमेंट ले लिया था। पिछले 20 सालों में उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट की दो डिग्री के साथ-साथ लॉ की डिग्री भी हासिल की है।

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साल 2014 से 2018 तक का वक्त मेरे लिए काफी मुश्किल भरा था क्योंकि आर्मी की बेहद कम पेंशन में जीवन यापन आसान नहीं था। मैंने अपनी सारी जमापूंजी अपनी तैयारी और बेटियों की पढ़ाई पर लगा दी थी। नसीब जल्द ही सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट (एसडीएम) या उसके बराबर किसी पोस्ट पर जॉइन करेंगे।

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