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पूरे देश में स्वास्थ्य सेेवाएं ठप, डॉक्टरों नेे शुरू की हड़ताल
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में हाल में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में 17 जून को देश भर में गैर जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को रद्द करने के साथ वह अपनी हड़ताल की दिशा में आगे बढ़ेगा।
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एक दिन पहले राज्यों से डॉक्टरों एवं मेडिकल पेशेवरों की किसी भी प्रकार की हिंसा से सुरक्षा के लिये विशेष कानून लागू करने पर विचार करने को कहा था जिसके बाद आईएमए की यह घोषणा सामने आयी है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में हाल में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में 17 जून को देश भर में गैर जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को रद्द करने के साथ वह अपनी हड़ताल की दिशा में आगे बढ़ेगा।
शीर्ष मेडिकल संस्था ने डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों पर तथा अस्पतालों में इस तरह की हिंसा से निपटने के लिये व्यापक केंद्रीय कानून की मांग की।
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आईएमए के बयान के अनुसार हिंसा के दोषियों के लिये कड़े दंड के प्रावधान को केंद्रीय कानून में शामिल किया जाना चाहिए और भारतीय दंड संहिता तथा अपराध दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में उपयुक्त संशोधन होना चाहिए। बयान के अनुसार, आउटडोर पेशंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) सेवा सहित गैर जरूरी सेवाएं सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक 24 घंटे के लिये बंद रहेंगी।
इसके अनुसार इस दौरान आपात एवं आकस्मिक सेवाएं जारी रहेंगी।
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इसने 17 जून को गैर जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को रद्द करने के साथ देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। आईएमए तथा दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के प्रतिनिधियों ने शनिवार को वर्धन से बात की थी।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा, मुख्यमंत्री जगह तय करें लेकिन बैठक खुले में होनी चाहिए
पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने रविवार को अपने रुख में नरमी लाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके साथ बैठक की जगह तय करने के लिये स्वतंत्र हैं लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बैठक खुले में होनी चाहिए।
बनर्जी ने रविवार को प्रदर्शनकारियों को बंद कमरे में बैठक के लिये आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने उनकी इस पेशकश को ठुकरा दिया था।
अपने संचालन मंडल की ढाई घंटे चली बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता ने मीडिया से कहा, ‘‘हमलोग इस गतिरोध को दूर करने के इच्छुक हैं। हमलोग मुख्यमंत्री के साथ उनके पसंद की जगह पर बैठक करने के लिये तैयार हैं, लेकिन बैठक बंद कमरे में नहीं बल्कि मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में खुले में होनी चाहिए।’’
प्रवक्ता ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों से प्रतिनिधि बैठक में शामिल हो सकें, इसके लिये बैठक स्थल पर पर्याप्त जगह होनी चाहिए।
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने जोर दिया था कि मुख्यमंत्री एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आयें। उन्होंने कहा, ‘‘आम जनता के बेहतर हित के लिये हमलोग भी जल्द से जल्द ड्यूटी पर लौटना चाहते हैं बशर्ते पर्याप्त एवं तर्कपूर्ण चर्चा के माध्यम से हमारी सभी मांगों को पूरा किया जाये।’’
(भाषा)