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बिहार में 73 लोगों की मौत! मौसम का सितम जारी, कई लापता
बारिश और बाढ़ की वजह से हाल इतने बेहाल हैं कि राजधानी पटना में अब प्रशासन को पेयजल, भोजन और दूध के पैकेट बांटने पड़ रहे हैं। निःशुल्क सामुदायिक रसोई का संचालन पटना के दो जगहों पर किया जा रहा है।
पटना: भारी बारिश और बाढ़ की वजह से देश के कई राज्यों में जनजीवन काफी अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसे में बिहार में भी बारिश और बाढ़ का कहर जारी है। राज्य में बारिश और बाढ़ की वजह से अब तक 73 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं, जबकि कई लोग अभी भी लापता हैं।
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दरअसल 27 सितंबर से 30 सितंबर तक बिहार में मूसलाधार बारिश हुई जिसकी वजह से नदियों का जल स्तर बढ़ गया और पटना, भोजपुर, भागलपुर, नवादा, नालन्दा सहित प्रदेश के 14 जिलों में 85 प्रखण्ड के 477 पंचायतों के 1179 गांव में 18.70 लाख आबादी प्रभावित हुई। यही नहीं, राजधानी पटना में तो अभी भी बाढ़ का पानी जमा हुआ है, जिसकी वजह से कई इलाकों में बदबू फैल गई है।
सामुदायिक रसोई का हो रहा संचालन
जानकारी के अनुसार, बिहार में बाढ पीड़ितों के लिए 56 राहत शिविर और 366 सामुदायिक रसोई का संचालन किया जा रहा है। लोगों की मदद के लिए कुल 979 सरकारी और निजी नावों का संचालन किया जा रहा है। इन जिलों में बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों के राहत और बचाव कार्यों में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की कुल 21 टीमों को लगाया गया है।
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बारिश और बाढ़ की वजह से हाल इतने बेहाल हैं कि राजधानी पटना में अब प्रशासन को पेयजल, भोजन और दूध के पैकेट बांटने पड़ रहे हैं। निःशुल्क सामुदायिक रसोई का संचालन पटना के दो जगहों पर किया जा रहा है। ऐसे में अब तक जिला प्रशासन द्वारा 1 लाख 71 हजार 298 पानी की बोतलें, हजार पानी पाउच, 21 हजार 500 दूध पैकेट और 33 हजार 631 भोजन पैकेट वितरण कर चुका है।