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छोटे भाई की राजनीति संवारने में व्यस्त हैं मुख्यमंत्री, सड़क पर भीख मांग रहे बेरोजगार

राजधानी रांची में सैंकड़ों की संख्या बेरोज़गार युवक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के आवास के आस-पास धरना पर बैठे हैं। सहायक पुलिस, पंचायत सचिव, होमगार्ड और झारखंड सशस्त्र पुलिस के अभ्यर्थी नौकरी की मांग को लेकर कई दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

Newstrack
Published on: 13 Oct 2020 7:21 PM GMT
छोटे भाई की राजनीति संवारने में व्यस्त हैं मुख्यमंत्री, सड़क पर भीख मांग रहे बेरोजगार
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सहायक पुलिस, पंचायत सचिव, होमगार्ड और झारखंड सशस्त्र पुलिस के अभ्यर्थी नौकरी की मांग को लेकर कई दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

रांची: झारखंड में 03 नवंबर को दुमका और बेरमो विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। दुमका से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को उम्मीदवार बनाया गया है। लिहाज़ा, सीएम साहब बड़े भाई का फ़र्ज़ अदा करने में जुटे हैं। बसंत सोरेन के नामांकन से लेकर पार्टी-संगठन को मज़बूत बनाने की ज़िम्मेदारी हेमंत सोरेन ने अपने कंधों पर ले रखी है।

इस बीच राजधानी रांची में सैंकड़ों की संख्या बेरोज़गार युवक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के आवास के आस-पास धरना पर बैठे हैं। सहायक पुलिस, पंचायत सचिव, होमगार्ड और झारखंड सशस्त्र पुलिस के अभ्यर्थी नौकरी की मांग को लेकर कई दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। सहायक पुलिस को आश्वासन देकर आंदोलन स्थगित करा दिया गया है। हालांकि, पंचायत सचिव, होमगार्ड और झारखंड सशस्त्र पुलिस के अभ्यर्थी अबतक डटे हुए हैं। सरकार कोरोना महामारी का बहाना बनाकर हाथ खड़े कर रही है।

पंचायत सचिवों ने किया भिक्षाटन

जिन हाथों के ज़िम्मे झारखंड की तक़दीर संभालने की है वे आज भीख मांग रहे हैं। पिछले 14 महीनों से नियुक्ति पत्र का इंतज़ार कर रहे पंचायत सचिवों के सब्र का बांध टूट गया है। मंगलवार को सैंकड़ों की संख्या में सफल अभ्यर्थियों ने झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन के आवास के पास भिक्षाटन किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि, झारखंड हाईकोर्ट ने 21 सितंबर को दिए अपने निर्णय में नियुक्ति पत्र को लेकर हरी झंडी दे दी है। बावजूद इसके विभाग ज्वाइनिंग लेटर देने में लेटलतीफी कर रहा है। अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से अनशन व सत्याग्रह कर रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि, वे बिना नियुक्ति पत्र लिए रांची से खाली हाथ नहीं लौटेंगे।

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आंदोलन को मुख्यमंत्री की भाभी सह विधायक का मिला समर्थन

पंचायत सचिवों के आंदोलन को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी एवं झामुमो विधायक सीता सोरेन का समर्थन मिला है। अनशन कर रहे अभ्यर्थियों से खुद उन्होने मुलाकात की और उनकी मांगों को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया। कांग्रेस की विधायक दीपिका पांडेय ने भी मांगों को सीएम तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया है।

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आंदोलनकारियों के बीच पहुंची विपक्षी भाजपा

झारखंड सशस्त्र पुलिस और होमगार्ड के जवानों के बीच प्रदेश भाजपा के महामंत्री आदित्य साहू पहुंचे। झारखंड सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होने कहा कि, चुनाव से पहले किए गए वादे हेमंत सरकार भूल गई है। 5 लाख नौकरी देने का वादा, बेरोज़गारों को बेरोज़गारी भत्ता देने का आश्वासन और सरकारी विभागों में खाली पदों को भरने का वादा किया गया था। सरकार बनने के बाद रोज़गार देना तो दूर की बात है उल्टे बेरोज़गारों पर लाठी चलाई जा रही है। रांची से भाजपा सांसद संजय सेठ ने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, झारखंड की जनता कांग्रेस और झामुमो के झूठ को जानती है। नौजवान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। सरकार के पास रोज़गार देने का कोई रोडमैप नहीं हैं।

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सरकार के पास कोरोना महामारी का बहाना

झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव कहते हैं कि, सरकार बनने के साथ ही कोरोना ने दस्तक दे दिया। लिहाज़ा, सरकारी मशीनरी लोगों को कोविड-19 से बचाने में जुटी रही। सरकार को रोज़गार समेत तमाम वादे याद हैं। अब कोरोना का लहर कम हो रहा है। लिहाज़ा, सरकार अपना हर वादा निभाएगी।

रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट

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