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यहाँ तो स्वास्थ्य मंत्री के सामने बच्ची ने तोड़ दिया दम, कैसे दूर होगा मासूमों का दर्द

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार या एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से आज 10 और बच्चों की मौत हो गई है। इसके बाद अब तक कुल 84 बच्चे इस बीमारी के चलते काल के गाल में समा गए हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 16 Jun 2019 1:31 PM IST
यहाँ तो स्वास्थ्य मंत्री के सामने बच्ची ने तोड़ दिया दम, कैसे दूर होगा मासूमों का दर्द
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नई दिल्लीः मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार या एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से आज 10 और बच्चों की मौत हो गई है। इसके बाद अब तक कुल 84 बच्चे इस बीमारी के चलते काल के गाल में समा गए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बच्चों की मौत पर गहरा दुख जताया है और इस भयानक स्थिति को देखते हुए मरने वालों के परिवार वालों के लिए 4-4 लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन आज बिहार पहुंच चुके हैं। मुजफ्फरपुर में हालत इतने भयानक हैं कि आज हालात का जायजा लेने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री के सामने ही पांच साल की बच्ची ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया। डॉ हर्षवर्धन बिहार में एक्यूट इंसिफेलाइटिस सिंड्रोम या चमकी बुखार के बढ़ रहे मामलों की जानकारी लेने और मौजूदा हालात की समीक्षा करने के लिए आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और अधिकारियों के साथ बैठक भी करेंगे।



वहीं सुबह खबर आई थी कि जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पटना एयरपोर्ट पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का जमकर विरोध किया। डॉ हर्षवर्धन मुज़फ़्फ़रपुर में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों से मिलने और अस्पताल का जायज़ा लेने दिल्ली से पटना आए। पटना एयरपोर्ट पर जन अधिकार पार्टी के समर्थकों ने नारे लगाए और मंत्री के काफिले को रोक दिया। हालांकि थोड़ी ही देर में पुलिस ने समर्थकों को समझाकर गाड़ी को निकाल दिया।

उधर बच्चों का इलाज कर रहे डॉक्टर जी एस सहनी ने बताया कि मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। बढ़ती गर्मी की वजह से बच्चे बहुत ज्यादा संख्या में बीमार पड़ रहे हैं। पूरी तरह से बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं। क्षेत्र के बच्चों को यह बीमारी इस साल सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है।

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डॉ सहनी ने बताया कि जब तक बरसात नही होगी तब तक बच्चों को बचाना बेहद मुश्किल है लेकिन वो अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं। अस्पताल पहुचने के बाद बच्चों की रिकवरी भी अच्छी हो रही है। हालांकि यहां आने से पहले जो मरीज प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं वो उनके लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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