दिल्ली हिंसा: हाईकोर्ट ने केंद्र और पुलिस से जवाब मांगा, 12 मार्च को अगली सुनवाई

दिल्ली हिंसा और इसके लिए जिम्मेदार बताए जा रहे 4 भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयानों के मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और अन्य पक्षकारों को 12 मार्च तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।

suman
Published on: 6 March 2020 4:25 PM GMT
दिल्ली हिंसा: हाईकोर्ट ने केंद्र और पुलिस से जवाब मांगा, 12 मार्च को अगली सुनवाई
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नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा और इसके लिए जिम्मेदार बताए जा रहे 4 भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयानों के मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और अन्य पक्षकारों को 12 मार्च तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। तब तक सुनवाई आगे बढ़ाई गई है। अदालत ने हिंसा के मामले में गिरफ्तार लोगों के नाम प्रकाशित करने की मांग पर दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस दिया है।

इसके अलावा मृतकों के डीएनए सैंपल सुरक्षित रखने के निर्देश दिए। अस्पताल प्रबंधन से कहा है कि मृतकों के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी कराएं और 11 मार्च तक अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार न करें। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई को 12 मार्च तक के लिए टाल दिया है। जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस हरिशंकर की बेंच ने कहा कि हम दिल्ली हिंसा, नफरत वाले भाषण और सभी तरह के आवेदनों से जुड़े मामलों को 12 मार्च को सुनेंगे।

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*उच्च न्यायालय ने अस्पतालों को 11 मार्च तक किसी भी अज्ञात शव का अंतिम संस्कार नहीं करने का निर्देश दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने सभी सरकारी अस्पतालों को दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी के निर्देश दिए हैं।

*दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में शहर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में हुई हिंसा के संबंध में गिरफ्तार लोगों के नाम प्रकाशित करने की माकपा नेता बृंदा करात की जनहित याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली सरकार और पुलिस से जवाब मांगा है।

*न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने करात की याचिका पर दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी किया है। याचिका में अपील की गई है कि गिरफ्तार व्यक्तियों की एक सूची जिले के पुलिस नियंत्रण कक्ष और पुलिस स्टेशनों के बाहर लगाई जाए।

*याचिका में अदालत से आग्रह किया गया है कि वह हिंसा में दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिये गए या गिरफ्तार किये गए लोगों के नाम और नंबरों वाली स्थिति रिपोर्ट भी मांगे। बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इन मामलों की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट को शुक्रवार को सुनवाई के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेताओं के नफरत वाले और भड़काऊ भाषणों के मामले में बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को अहम निर्देश दिए थे।

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अदालत ने हाईकोर्ट को इन नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग वाली याचिका सहित दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों पर 6 मार्च को सुनवाई करने को कहा था। पूर्व आईएएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की इस याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट में यह मामला लंबित है, सुप्रीम कोर्ट को इस पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए।

दिल्ली में स्थिति अभी सही नहीं है, इसलिए पुलिस ने भड़काऊ बयान देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला कुछ समय के लिए टाल दिया है। इस पर चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई 13 अप्रैल के लिए टालना न्यायोचित नहीं नजर आता। इस पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए।

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साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट को इस मामले को शांतिपूर्वक समाधान की संभावनाएं तलाशने पर विचार करने के लिए कहा। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के मामले को 13 अप्रैल तक के लिए टाल दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई जिसे 12 मार्च के लिए टाल दिया गया। पुलिस ने उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 683 एफआईआर दर्ज की गई हैं। 48 मामले आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज हैं। 1,983 लोग या तो गिरफ्तार किए गए हैं या हिरासत में लिए गए हैं।

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