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कम उम्र और हौसला बुलंद, 22 साल की उम्र में सरपंच बन रच दिया इतिहास

हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के लिए प्रथम चरण में हुए नतीजे घोषित हो चुके हैं। इस चुनाव में 22 वर्षीय जागृति ने प्रधान बनकर जिले में नया इतिहास रचा है। जागृति बिलासपुर सदर की पंचायत साई खारसी की प्रधान बनी हैं।

Ashiki
Published on: 20 Jan 2021 6:46 AM GMT
कम उम्र और हौसला बुलंद, 22 साल की उम्र में सरपंच बन रच दिया इतिहास
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कम उम्र और हौसला बुलंद, 22 साल की उम्र में सरपंच बन रच दिया इतिहास

बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के लिए प्रथम चरण में हुए नतीजे घोषित हो चुके हैं। इस चुनाव में 22 वर्षीय जागृति ने प्रधान बनकर जिले में नया इतिहास रचा है। जागृति बिलासपुर सदर की पंचायत साई खारसी की प्रधान बनी हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि अभी तक इस जिले में 22 साल का कोई भी प्रधान नहीं बना था। जागृति शिमला के एक लॉ कॉलेज से वकालत की पढ़ाई कर रही हैं।

लॉ की पढ़ाई कर रही हैं जागृति

आपको बता दें कि नवनिर्वाचित पंचायत प्रधान जागृति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लॉ की छात्रा हैं। लॉ में इस साल जागृति का चौथा सेमेस्टर है। जानकारी के मुताबिक अपनी पढ़ाई के दौरान ही जागृति ने पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला लिया और जीत दर्ज कर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा लिया है।

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12वीं कक्षा में कर चुकी हैं टॉप

जागृति शैल शुरू से ही प्रतिभावान हैं। इससे पहले उन्होंने 11वीं और 12वीं कक्षा में भी टॉप किया है। जागृति शैल ने पंचायत प्रधान के इस चुनाव में कुल 508 मत प्राप्त कर जीत हासिल की है। जागृति का कहना है कि सभी कार्य पारदर्शिता के साथ किए जाएंगे। धांधली और रिश्वतखोरी को रोका जाएगा। पंचायत में सभी लोगों के कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही वह अपनी पढ़ाई भी जारी रखेंगी।

इससे पहले जबना चौहान बनी थीं देश की अबसे युवा प्रधान

आपको बता दें कि इससे पहले साल 2016 में 22 साल की जबना चौहान थरजून पंचायत से बतौर पंचायत प्रधान चुनाव जीता था। तब जबना चौहान ने देश की सबसे युवा प्रधान का खिताब अपने नाम किया था। जानकारी के मुताबिक इस बार उन्होंने पंचायत चुनाव नहीं लड़ा है। इसके अलावा, रोहड़ू से 22 साल की अवंतिका और मंडी जिले से करीब 22 साल की ही खीरामणी भी चुनाव जीती हैं।

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