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कोरोना: चीन ने कैसे किया कंट्रोल, जानिए शंघाई में रहने वाले इस युवक की जुबानी
पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप से भयभीत है। इटली, अमेरिका और ईरान जैसे देशों में यह महामारी कहर बरपा रही है तो इस बीच आश्चर्यजनक यह है कि जहां यह वायरस पनपा और जहां से यह बीमारी पूरे विश्व में फैली।
लखनऊ: पूरी दुनिया कोरोना वायरस के प्रकोप से भयभीत है। इटली, अमेरिका और ईरान जैसे देशों में यह महामारी कहर बरपा रही है तो इस बीच आश्चर्यजनक यह है कि जहां यह वायरस पनपा और जहां से यह बीमारी पूरे विश्व में फैली।
उसी चीन ने इसे कैसे कंट्रोल कर लिया। इसका जवाब यूपी के डा. एपीजी अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर चीन के शंघाई में कार डिजाइनर का काम कर रहे सुधांशु पाल ने सोशल मीडिया की नालेज वेबसाइट कुरा में इसका जवाब दिया है।
सुधांशु लिखते है कि जब ये वायरस फैला तब वह चीन में ही थे। ये वायरस वुहान से फैलना शुरू हुआ था और वह शंघाई में रहता हैं। आगे लिखा है कि उन्होंने हर दिन के साथ वायरस को शुरू होने से एक बड़ी बीमारी में बदलते देखा है। उस वक्त वह एक महीने की छुट्टियों के लिए भारत आने वाले थे लेकिन उससे पहले उन्हे एक हफ्ते के लिए फ्रांस जाना था।
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23 जनवरी की रात को निकलना था लेकिन तब तक शंघाई में भी बहुत सारे केस आने लग गए थे। उस समय तक उनके दिमाग मे डर भर गया था और कैसे भी करके जल्दी चीन से निकलना चाहता थे। उस समय तक चीन में मास्क मिलने भी बंद हो गए थे।
उन्हें बड़ी मुश्किल से एक मास्क मिल पाया, जिसको पहनकर वह एयरपोर्ट गया। एयरपोर्ट पर ज्यादातर सभी लोगो ने मास्क पहने हुए थे। एयरपोर्ट पर बहुत ज्यादा भीड़ थी और सभी लोग डरे हुए थे।
उनकी फ्लाइट शंघाई से पेरिस के लिए थी और स्टे नई दिल्ली में था। 24 जनवरी की सुबह को जब वह दिल्ली पहुँचे तो नई दिल्ली में चीन से आने वाले हर यात्रियों की अच्छे से जांच हुई तब जाकर थोड़ा डर कम हुआ।
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24 जनवरी की शाम को जब वह फ्रांस पहुंचे तो उन्हे आश्चर्य हुआ कि किसी ने एक बार चेक तक नही किया। एक हफ्ते तक फ्रांस में रहने के दौरान वायरस के केस बहुत बढ़ने लगे थे। इसीलिए उन्हे भारत आने में डर भी लग रहा था क्योंकि उन्हे पता था भारत मे हेल्थकेयर की सुविधा बहुत खराब है। लेकिन घर तो आना ही था इसीलिए फ्लाइट पकड़ ली।
सुधांशु आगे लिखते है कि जैसे ही वह पहली फरवरी की सुबह को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे तो एयरपोर्ट पर चीन से आने वाले, या पिछले कुछ महीनों में चीन की यात्रा करने वालो के लिए अलग से एक काउंटर बनाया हुआ था और सभी की अच्छे से चेकिंग हो रही थीे।
उन्होंने एयरपोर्ट पर सुधांशु से सारी जानकारी ली और उन्हे कुछ नंबर भी दिए जिससे अगर कुछ परेशानी हो तो वह कॉल कर सकें। जैसे ही वह दिल्ली से अपने घर मेरठ पहुंचें, वहां उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से मेरे लिए मेडिकल अफसर की ड्यूटी लगाई हुई थी। एयरपोर्ट पर कोई भी लक्षण नही मिलने के बावजूद भी उक्त मेडिकल अफसर ने 28 दिनों तक हर दिन उनकी हालत का जायजा लिया।
चाइना में 2 महीनों में ही किया कंट्रोल
सुधांशु आगे लिखते है कि चीन ने कैसे वायरस को स्टेज 3 में आने के बाद भी 2 महीनों में ही कंट्रोल कर लिया था। इसकी बड़ी वजह है चीन की सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति। जैसे ही चीन की सरकार को लगा कि इस वायरस की वजह से चीन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि खराब हो रही है। इसी वजह से चीन ने अपने सारे रिसोर्सेज इसी काम मे लगा दिए थे और चीन के पास जो टेक्नोलॉजी है वो और किसी के पास नही है। चीन में लोग हर वो नियम मानते है जो वहां की सरकार बनाती है।
इसीलिए जब सरकार ने सभी को घर के अंदर रहने को बोला और मास्क पहने बिना कही जाने से मना किया तो सभी लोगो ने वो नियम माना। जब उनको लगा कि वुहान में हालात ज्यादा खराब हो रहे है तो उन्होंने पूरे शहर को बन्द कर दिया। इतने कम समय मे इतना अच्छे से ऐसा करना किसी और देश मे कितना मुश्किल हो सकता है।
चीन ने पिछले कुछ सालों में अपना हेल्थकेयर सिस्टम बहुत अच्छा कर लिया है और चीन ने अपने हर छोटे बड़े हेल्थकेयर इंडस्ट्री में काम करने वालो को वायरस की रोकथाम के लिए लगा दिया था। इसी का नतीजा है कि चीन खुद को इतनी खराब हालत से बाहर ले जा चुका है।
सुधांशु ने बीती 20 मार्च को लिखा है कि उन्हे अभी भारत से चीन वापस आये हुए सिर्फ 10 दिन हुए है।
14 दिनों तक लोग अपने घर से बाहर नहीं निकल सकते
एयरपोर्ट से लेकर उनकी हाउसिंग सोसाइटी तक मे हर जगह लोगो ने टेम्परेचर चेक किया। 14 दिनों तक वह अपने घर से बाहर नहीं जा सकते। हर चीज के लिए ऑनलाइन अरेंजमेंट किया हुआ है। जिससे कोई भी परेशानी ना हो। 14 दिनों के बाद भी घर से बाहर निकलने से पहले मास्क पहनना पड़ेगा। घर, आफिस, सुपरमार्केट, मेट्रो, बस, ट्रैन हर जगह घुसने से पहले टेम्प्रेचर चेक होता है। जिससे कि इन्फेक्टेड लोग किसी और को इन्फेक्ट ना कर पाए।
सुधांशु लिखते है कि ये सिर्फ कुछ ही चीजे है जो उन्होंने लिखी है। ऐसी बहुत सारी छोटी बड़ी चीजे है जो चीन ने की है जिसकी वजह से आज चीन इतनी जल्दी इतनी खतरनाक बीमारी को लगभग खत्म कर पाया। उन्होंने लिखा है कि वह अपनी आंखों से देख रहे है कि चीन में ये बीमारी अगले एक महीने में पूरी खत्म हो जाएगी।
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