TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

भारत में कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू, एम्स की एक्सपर्ट टीम ने कही ये बात

कोरोना के लिए दुनियाभर के विशेषज्ञ दवाई खोजने में लगे है।  भारत में भी 6 कंपनियां कोरोना वैक्सीन बनाने का काम कर रही हैं। दुनियाभर में कुल 11 वैक्सीन ऐसी है जिन्हें ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी मिली है। फिलहाल भारत की कोवेक्सीन (Covaxin) की चर्चा है। जिसे ट्रायल की मंजूरी मिली है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 7 July 2020 10:00 AM IST
भारत में कोरोना वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू, एम्स की एक्सपर्ट टीम ने कही ये बात
X

नई दिल्ली कोरोना के लिए दुनियाभर के विशेषज्ञ दवाई खोजने में लगे है। भारत में भी 6 कंपनियां कोरोना वैक्सीन बनाने का काम कर रही हैं। दुनियाभर में कुल 11 वैक्सीन ऐसी है जिन्हें ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी मिली है। फिलहाल भारत की कोवेक्सीन (Covaxin) की चर्चा है। जिसे ट्रायल की मंजूरी मिली है।

यह पढ़ें....आतंकियों की लाशें बिछा रही सेना, 3 और निशाने पर, एक जवान शहीद

प्रोटोकॉल में बदलाव करने की बात

7 जुलाई यानी आज से ह्यूमन ट्रायल के लिए इनरोलमेंट शुरू हो जाएगा। इसके बाद अगर सभी ट्रायल सही हुए थे तो आशा है कि 15 अगस्त तक कोवैक्सीन को लॉन्च किया जा सकता है। आज से कोवेक्सीन (COVAXIN ) के ट्रायल की शुरुआत देश के कई संस्थानों में हो चुकी है, लेकिन दिल्ली में एम्स के विशेषज्ञों ने वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए प्रोटोकॉल में बदलाव करने की बात कही है। एम्स में रिसर्च विंग की एथिक्स कमेटी ने सैंपल सर्वे के लिए दोनों चरण में 375 की जगह 1125 स्वस्थ और स्वेच्छा से आगे आए लोगों पर ट्रायल करने की हामी है।

एम्स के रिसर्चर के मुताबिक...

एम्स के रिसर्चर के मुताबिक एथिक्स कमेटी ने आईसीएमआर और सरकार को प्रोटोकॉल के 11 बिंदुओ में सुधार का सुझाव दिया है। इससे परीक्षण ज्यादा व्यावहारिक, वैज्ञानिक और सटीक होगा. मौजूदा प्रोटोकॉल के मुताबिक, इस वैक्सीन का परीक्षण कोरोना वायरस पर असर, शरीर पर आंतरिक और बाह्य असर, साइड इफेक्ट, शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता पर असर और असर की अवधि का परीक्षण किया जाएगा।

यह पढ़ें....लापरवाही की हद: अस्पताल में बच्चों को चढ़ा दिया एक्सपायरी ग्लूकोज, फिर हुआ ऐसा

सैंपल टारगेट ज्यादा हो तो सटीक नतीजे

एम्स के अनुसार आईसीएमआर प्रोटोकॉल के परीक्षण फास्ट ट्रैक होना चाहिए, लेकिन इसके लिए सैंपल टारगेट ज्यादा हो तो सटीक नतीजे आएंगे। एम्स और बाकी संस्थानों के नजरिए में यही फर्क है कि हम रिसर्च को सटीक और अचूक नुस्खे की ऊंचाई तक ले जाना चाहते हैं, इसके लिए एहतियात के साथ पूर्व नियोजन पहली शर्त है। फिलहाल अभी पहले चरण में 18 से 55 साल के स्वस्थ लोगों पर और दूसरे चरण में 12 से 65 साल के दरम्यान आयु वर्ग के लोगों पर वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा।

बता दें कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (एनआईवी) के साथ मिलकर उसने कोविड-19 के लिए भारत की पहली वैक्सीन को सफलतापूर्वक विकसित किया है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

Next Story