मजदूर हूँ-मजबूर हूँ: रो देंगे आप भी ये हाल देख, तपती धूप चल रहे अकेली राहों में

शहरों से मजदूर साधन न उपलब्ध होने की वजह अपने-अपने घरों के लिए पैैदल ही पलायन कर रहे हैं। ताकि जल्दी से जल्दी घर पंहुच सके। देखा जाए तो इस दौर का सबसे पीड़ित वर्ग मजदूर और श्रमिक वर्ग ही है।

Vidushi Mishra
Published on: 9 May 2020 8:13 AM GMT
मजदूर हूँ-मजबूर हूँ: रो देंगे आप भी ये हाल देख, तपती धूप चल रहे अकेली राहों में
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मजदूर हूँ-मजबूर हूँ: रो देंगे आप भी ये हाल देख, तपती धूप चल रहे अकेली राहों में

नई दिल्ली। वैश्विक महाविनाशी महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरे देश में लॉकडाउन है, लोग इधर-उधर फंसे है। अपने घरवालों से मिलने के लिए तड़प रहे हैं। शहरों से मजदूर साधन न उपलब्ध होने की वजह अपने-अपने घरों के लिए पैैदल ही पलायन कर रहे हैं। ताकि जल्दी से जल्दी घर पंहुच सके। देखा जाए तो इस दौर का सबसे पीड़ित वर्ग मजदूर और श्रमिक वर्ग ही है। मजदूरों की कई मीलों चलते-चलते हालात खराब हो गई, साथ ही इस झुंझुलाती गर्मी में उनके पैरों की चप्पलें तक घिस गई हैं। लेकिन फिर भी अपने परिवार बीबी बच्चों के पास जाने, उनकी झलक, उनकी आवाज सुनने के लिए सफल पर चल रहे हैं।

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चप्पलें घिस गईं, छूट गईं, टूट गई

इसी तरह पंजाब से चल कर हरियाणा पहुंचे में प्रवासी मजदूर अंबाला की सड़कों पर बिना चप्पलों के दिखे। चिंचलाती धूप में चलते जा रहे चलते जा रहे। किसी की चप्पलें घिस गईं, नहीं तो पुलिस के खदेड़ने के बाद कुछ मजदूरों की चप्पलें छूट गईं टूट गई।

लेकिन हौसला तो देखिए साहब इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और पानी की बोतलों को ही पैरों में बांधकर उसी को ही चप्पल बना लिया और मंजिल की ओर तेजी से चल पड़े।

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पुलिस ने मजदूरों को खदेड़ा

अपने घर-परिवार गांव जा रहे प्रवासी मजदूर जब पैदल ही नेशनल हाइवे पर चलने लगे तो अंबाला पुलिस ने मजदूरों को वापस पंजाब की तरफ खदेड़ा। फिर इसी भगदड़ में कई प्रवासी मजदूरों के जूते-चप्पल सड़क पर ही छूट गए और उन्हें तपती धूप में पैदल ही चलना पड़ा।

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नई चप्पलें मंगवाकर मजदूरों को पहनाई

लेकिन अंबाला के विधायक असीम गोयल ने जब इन प्रवासी मजदूरों को हरियाणा-पंजाब की सीमा पर इस दुर्बल हालत में देखा तो उन्होंने नई चप्पलें मंगवाकर मजदूरों को पहनाई।

वहीं इसके बाद विधयाक ने पंजाब पुलिस से आग्रह किया कि इन मजदूरों को उनके घर वापस जाने दिया जाए, इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से भी बात की।

तभी इसके बाद विधायक ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मजदूरों को घर जाने की भी बात की। इतना ही नहीं उन्होंने पैदल जा रहे मजदूरों को चप्पल के अलावा नाश्ते का भी इंतजाम करवाया। आखिर वे सभी मजदूर अपने अपने घरों की ओर चल दिए।

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मजदूरों की ये हालत पूरे देश में

मजदूरों की ये हालत पूरे देश में हैं। मजदूर बड़ी-बड़ी कठिनाइयों का सामना करके अपने घरों की ओर जा रहे हैं। कोई मजदूर दो दिनों से तो कोई सात दिनों से, तो कोई 10 दिन से पैदल चले जा रहा है।

कहीं कोई उत्तर प्रदेश, बिहार तो कोई राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में अपने जिलों की ओर निकल पड़ा है। नेशनल हाईवे पर चलते हुए मजदूर तपती धूप में ही चलने को मजबूर हैं।

हालांकि कई राज्यों ने अपने मजदूरों को वापस लाने के लिए कुछ जगहों से ट्रेन की व्यवस्था भी कर दी है लेकिन कई जगहों पर मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं। यही वजह है कि वे पैदल ही अपने घरों की ओर चल पड़े हैं।

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