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IAS ने ऑफर को ठुकरायाः सरकार के इस फैसले पर कहा नो

 बीते साल 6 अगस्त के दिन जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 केंद्र सरकार ने हटाया था। केंद्र सरकार के इस फैसले के कई विपक्षी लोग विरोध में थे, साथ एक ऐसा शख्स भी था, जिसने फैसले के खिलाफ होने की वजह से आईएएस के पद से इस्तीफा दे दिया था।

Vidushi Mishra
Published on: 11 April 2020 5:44 AM GMT
IAS ने ऑफर को ठुकरायाः सरकार के इस फैसले पर कहा नो
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IAS ने ऑफर को ठुकरायाः सरकार के इस फैसले पर कहा नो

नई दिल्ली: बीते साल 6 अगस्त के दिन जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 केंद्र सरकार ने हटाया था। केंद्र सरकार के इस फैसले के कई विपक्षी लोग विरोध में थे, साथ एक ऐसा शख्स भी था, जिसने फैसले के खिलाफ होने की वजह से आईएएस के पद से इस्तीफा दे दिया था। इनका नाम कन्नन गोपीनाथ है। कन्नन को फिर से नौकरी ज्वॉइन करने का प्रस्ताव मिला है। लेकिन अचम्भे में बात तो ये है कि उन्होंने सरकार के इस प्रस्ताव को ठोकर मर दी है।

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सरकार की तरफ से एक पत्र मिला

बता दें कि कन्नन गोपीनाथ ने इस वाक्या को ट्वीट करके जानकारी दी है। कन्नन गोपीनाथ ने सरकार की तरफ से मिले पत्र को साझा करते हुए बताया, 'सरकार की तरफ से एक पत्र मिला है। मुझे फिर से आईएएस के रूप में ज्वॉइन करने को कहा गया है, लेकिन मैं कोरोना वायरस की इस महामारी के खिलाफ इस जंग में तन, मन, धन से अपनी सेवाएं दूंगा। मेरा यह काम एक स्वतंत्र और जिम्मेदार नागरिक के तौर पर होगा, किसी आईएएस अधिकारी के रूप में नहीं।'

ये है ट्वीट



इसके बाद कन्नन गोपीनाथ ने फिर नौकरी ज्वॉइन करने के प्रस्ताव पर सरकार को दिए जवाब के बारे में बताया। उन्होंने लिखा, 'मेरे इस्तीफे को करीब आठ महीने हो गए हैं। सरकार को अधिकारियों और लोगों का सिर्फ उत्पीड़न करना आता है। मुझे पता है कि वे मुझे और परेशान करना चाहते हैं।

मगर फिर भी मैं इस संकट के समय में सरकार के लिए स्वयंसेवक के तौर पर दादर एवं नगर हवेली और दमन दीव में अपनी सेवाएं देने का प्रस्ताव देता हूं, लेकिन आईएएस के तौर पर दोबारा नौकरी ज्वॉइन नहीं करूंगा।'

जानकारी के लिए बता दें कि सरकार की तरफ से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि आपका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया गया है, और जब तक सरकार उसे स्वीकार नहीं कर लेती तब तक आप पद मुक्त नहीं समझे जा सकते हैं।

तो इसी के जवाब में कन्नन गोपीनाथ ने कहा है कि पिछले 7 महीने से सरकार मुझे वेतन भी नहीं दे रही है। इसलिए मैं खुद को पदमुक्त समझता हूं और आईएएस की नौकरी का प्रस्ताव अस्वीकार करता हूं।

2019 में दिया था इस्तीफा

आईएएस अधिकारी के पद से कन्नन गोपीनाथन ने जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंध और मौलिक अधिकारों के हनन के विरोध में 21 अगस्त 2019 को इस्तीफा दे दिया था। केरल में 2018 में आई बाढ़ के दौरान उनके काम की काफी सराहना हुई थी।

कन्नन गोपीनाथन दादरा और नागर हवेली में बिजली और गैर-पारंपरिक ऊर्जा सचिव के रूप में तैनात थे। केरल के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने जाने के बाद वहां के लाखों लोगों के मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

उन्होंने कहा था, 'मैंने प्रशासनिक सेवा इसलिए ज्वॉइन की, क्योंकि मुझे लगा कि मैं उन लोगों की आवाज बन सकता हूं, जिनकी आवाज को खामोश कर दिया जाता है। लेकिन यहां मैंने खुद अपनी आवाज खो दी।'

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Vidushi Mishra

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