TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

चीन ने दिया झटका: फार्मा कंपनियों की हालत हुई खराब, लगा करोड़ों का शुल्क

कस्टम विभाग द्वारा चीन से आने वाले कुछ दवा कंटेनर को मंजूरी दी गई है। फार्मा कंपनियों का कहना है कि करीब 200 टन कच्चा माल एयरपोर्ट पर फंसा हुआ है।

Newstrack
Published on: 8 July 2020 3:53 PM IST
चीन ने दिया झटका: फार्मा कंपनियों की हालत हुई खराब, लगा करोड़ों का शुल्क
X

नई दिल्ली: ऐसे समय में जबकि भारत-चीन के बीच सीमा विवाद अभी जारी है। भारत में राष्ट्रवाद भी देखने को मिल रहा है जिसके तहत लोगों द्वारा चीनी सामान का बहिष्कार किया जा रहा है। इसी बीच चीन से आयात होने वाले सामान का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है। भारत में कुछ कंपनियों को देरी के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

करीब 200 टन कच्चा माल एयरपोर्ट पर फंसा हुआ है

यह आरोप फार्मास्युटिकल कंपनियों ने लगाया है। कंपनियों का कहना है कि चीन की उन खेपों पर भारी विलम्ब शुल्क का सामना करना पड़ रहा है जो एयरपोर्ट्स पर बिना किसी गलती के फंसी हुई हैं। हालांकि कस्टम विभाग द्वारा चीन से आने वाले कुछ दवा कंटेनर को मंजूरी दी गई है। फार्मा कंपनियों का कहना है कि करीब 200 टन कच्चा माल एयरपोर्ट पर फंसा हुआ है।

कार्गो टर्मिनल पर पहुंचने के 24 घंटे बाद से ही लगाया जा रहा विलंब शुल्क

एक खबर के अनुसार, फार्मा उद्योग के प्रतिनिधियों ने कहा कि कुछ प्रमुख दवा कंटेनर जिनमें विटामिन और कुछ महत्वपूर्ण दवाओं आदि की खेप है जिन्हें अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। उसके साथ ही पोर्ट अथॉरिटी देरी के लिए डिमार्ज चार्ज की मांग कर रहे हैं। विलम्ब शुल्क आयातक पर लगाया जाने वाला शुल्क है जो आवंटित समय से ज्यादा समय होने पर लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि हवाई खेपों के मामले में, कार्गो टर्मिनल पर पहुंचने के 24 घंटे बाद से अधिकारियों ने विलम्ब शुल्क लगाया जा रहा है।

ये भी देखें: Vikas Dubey News: ADG ने दिये अपराध में कमी के आंकड़ें, की प्रेस कॉन्फ्रेंस

शुल्क 14 रुपये से लेकर 22 रुपये प्रतिदिन प्रति किलो की दर से

फार्मास्युटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (फार्मेक्ससिल) के चेयरमैन दिनेश दुआ ने कहा कि कई फार्मा कंपनियों ने अपनी एयर कंसाइनमेंट के लिए विलम्ब शुल्क का भुगतान किया है। यह शुल्क 14 रुपये से लेकर 22 रुपये प्रतिदिन प्रति किलो की दर से लिया जा रहा है। दुआ के अनुसार अभी तक 200 टन कच्चा माल फंसा हुआ था जिसके लिए करीब 2 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

क्लियरेंस मिलने में औसतन 6 से 10 दिन का लग रहा समय

उन्होंने कहा कि हम एयरपोर्ट पर होल्डअप करना काफी सराहनीय है लेकिन ये विलम्ब शुल्क बहुत ज्यादा है, जो फार्मा कम्पनियों के वर्किंग केपिटल के ऊपर अतिरिक्त बोझ है। एयर कंसाइनमेंट का क्लियरेंस मिलने में औसतन 6 से 10 दिन का समय लग रहा है। और इस देरी के लिए बिना किसी गलती के बहुत ज्यादा शुल्क का भुगतान करना पड़ रहा है। महामारी के दौरान जिन स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, उसे देखते हुए फार्मा कंपनियों को एक दिन से ज्यादा दिन का शुल्क रिफंड करना चाहिए।

ये भी देखें: इतना खतरनाक था विकास का ये राइट हैंड, पुलिस ने शहीदों का लिया बदला

फार्मा उद्योग के एक कार्यकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'वे चीन से आने वाली 100% खेप की जांच कर रहे हैं, जिसके चलते देरी हो रही है। सीमा शुल्क अधिकारियों को चीन से आने वाले सभी कार्गो की जांच करने के लिए कहा जाता है, जिससे देरी होती है।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story