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सीजेआई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में निर्धारित प्रक्रिया से ही निबटा जाये

सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकार्ड एसोसिएशन ने सोमवार को इस मामले में एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें कहा गया, ‘‘उच्चतम न्यायालय की एक पूर्व कर्मचारी के आरोपों पर कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप ही कार्यवाही की जानी चाहिए और कानून सभी मामलों में एक समान तरीके से लागू होना चाहिए।’’

SK Gautam
Published on: 22 April 2019 12:16 PM GMT
सीजेआई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में निर्धारित प्रक्रिया से ही निबटा जाये
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय एडवोकेट ऑन रिकार्ड एसोसिएशन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोप के मामले में सीजेआई द्वारा अपनाई गयी अनुचित प्रक्रिया पर आपत्ति व्यक्त की और कहा कि इन आरोपों पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही कार्यवाही की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकार्ड एसोसिएशन ने सोमवार को इस मामले में एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें कहा गया, ‘‘उच्चतम न्यायालय की एक पूर्व कर्मचारी के आरोपों पर कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप ही कार्यवाही की जानी चाहिए और कानून सभी मामलों में एक समान तरीके से लागू होना चाहिए।’’

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इस एसोसिएशन ने सारे मामले की जांच कराने और उचित कार्रवाई की मांग करते हुये कहा कि पूर्व कर्मचारी की शिकायत पर कार्यवाही के तरीके से वह असहमत है।

एसोसिएशन ने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ लगे आरोपों की शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों की अध्यक्षता वाली समिति से इन आरोपों की निष्पक्ष जांच कराने और स्वतंत्र तरीके से रिपोर्ट की मांग की है।

यह एसोसिएशन वकील की वह संस्था है जिसमें शीर्ष अदालत से अधिकार प्राप्त वकील ही पक्षकारों की ओर से न्यायालय में याचिका और जवाब आदि दाखिल करते हैं।

उच्चतम न्यायालय की एक बर्खास्त कर्मचारी ने शनिवार को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुये शीर्ष अदालत के 22 न्यायाधीशों के निवास पर अपना हलफनामा भेजा था। इस महिला के कथित यौन उत्पीड़न से संबंधित हलफनामे के आधार पर कुछ समाचार पोर्टल ने खबरें प्रकाशित की थीं।

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इसके तुरंत बाद ही शीर्ष अदालत ने असाधारण कदम उठाते हुये इस मामले की सुनवाई की जिसमें प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि एक पूर्व कर्मचारी के ये आरोप ‘‘अविश्वसनीय’’ हैं और यह प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को निष्क्रिय करने की कुछ ‘‘बाहरी ताकतों’’ की साजिश का हिस्सा है।

पूर्व महिला कर्मचारी के इन आरोपों ने न्यायपालिका को हतप्रभ कर दिया था। उस महिला ने कुछ दिन दिल्ली में न्यायमूर्ति गोगोई के निवास पर काम किया था।

(भाषा)

SK Gautam

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