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आर्टिकल 370 पर सुषमा स्वराज ने इस रणनीति का पहले ही किया था खुलासा
बीजेपी की कद्दावर नेता, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया। सुषमा स्वराज ने अपने निधन से पहले आखिरी ट्वीट किया। उन्होंने नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया।
नई दिल्ली: बीजेपी की कद्दावर नेता, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया। सुषमा स्वराज ने अपने निधन से पहले आखिरी ट्वीट किया। उन्होंने नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने लिखा- 'प्रधानमंत्री जी आपका हार्दिक अभिनन्दन! मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी। '
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल मंगलवार को जब लोकसभा से भी पास हो गया, तब सुषमा स्वराज ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी थी। पूरे राजनीतिक कार्यकाल के दौरान कश्मीर सुषमा स्वराज के दिल के काफी करीब रहा।
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11 जून 1996 को उन्होंने लोकसभा में कश्मीर मसले पर शानदार भाषण दिया था और वह इतिहास में दर्ज हो गया। इस भाषण में सुषमा स्वराज ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना बीजेपी का लॉन्ग टर्म प्लान है। विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज लगातार कश्मीर को लेकर एक्टिव रहीं।
यह था 1996 का भाषण?
साल 1996 में सुषमा स्वराज सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने के लिए खड़ी हुई थीं। अटल बिहारी वाजपेयी के इस्तीफे के बाद बीजेपी नेता सुषमा स्वराज ने विपक्ष को करारा जवाब दिया था। उन्होंने विपक्षी पार्टियों की नीयत पर सवाल किए और उनके इस भाषण ने तेज तर्रार के नेता के तौर पर उनकी छवि को और मज़बूत किया था।
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सुषमा स्वराज ने कहा था, 'हम सांप्रदायिक हैं, क्योंकि हम आर्टिकल 370 को खत्म करना चाहते हैं। हम सांप्रदायिक हैं, क्योंकि हम देश में जाति-पंथ के आधार पर भेदभाव को खत्म करना चाहते हैं... माननीय अध्यक्ष, हम सांप्रदायिक हैं, क्योंकि हम कश्मीर रिफ्यूजी के आवाज को सुनना चाहते हैं।'
@MatrixBuddha This is the link to 1996 speech https://t.co/Jf8cVXJJ
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) January 24, 2013
अपने भाषण में सुषमा स्वराज ने सदन को ये समझाया था कि आखिर बीजेपी कश्मीर से आर्टिकल 370 क्यों हटाना चाहती है। इस भाषण में उन्होंने रामायण और महाभारत का भी जिक्र किया था।
सुषमा स्वराज ने कहा था, "जब एक मंथरा और एक शकुनी भगवान राम और युधिष्ठिर को राज करने से रोक सकते हैं, तो आप इसी सदन में देखें, कितने मंथरा और शकुनी हमारे खिलाफ खड़े हो गए हैं। ऐसे में हम सत्ता में कैसे रह सकते हैं? मुझे लगता है कि यही (अविश्वास प्रस्ताव) रामराज्य और सुराज्य की प्रकृति है।"
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लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच बुलंद आवाज़ में बोलते हुए सुषमा स्वराज ने कश्मीर को लेकर बीजेपी के उस बड़े फैसले की नींव रखी थी, जिसे सोमवार को पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अंजाम दिया।
सुषमा स्वराज के इस भाषण ने सदन में हंगामा मचा दिया जिसके बाद तत्कालीन स्पीकर पीए सांगमा को हस्तक्षेप करना पड़ा- 'प्लीज मैडम अपना भाषण इतना दिलचस्प न करिए!'