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Beating Retreat: अटारी बॉर्डर पर बीटिंग द रिट्रीट, सरहद पर भारतीय जवानों की हुंकार और शौर्य का प्रदर्शन
Beating Retreat At Wagah Border: भारत आज़ादी का 77वां वर्ष हर्षोल्लास से मन रहा है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन हो रहा है। इसे देखने बड़ी संख्या में लोग उमड़े हैं। बॉर्डर पर भारतीय जवानों ने जबरदस्त जोश दिखाया।
Independence Day 2023 Beating Retreat: हर वर्ष की भांति इस बार भी देशभर में स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर अटारी-वाघा बॉर्डर (Attari-Wagah Border) पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया गया है। जिसे देखने बड़ी तादाद में लोग वाघा बॉर्डर (Wagah Border) पहुंचे हैं। हर भारतीय की आंखों में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony) में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर स्कूलों के बच्चे भी प्रोग्राम करेंगे। कार्यक्रम में भारत से बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान और पाकिस्तान की ओर से पाक रेंजर्स (Pak Rangers) शामिल होते हैं।
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वाघा बॉर्डर पर आते हैं दोनों देशों के लोग
अटारी-वाघा बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के हजारों लोग पहुंचते हैं। इस दौरान संगीत के साथ जोश, जज्बा और देशभक्ति के नारे किसी शख्स की रगों में देशभक्ति जगाने के लिए काफी होता है। रिट्रीट सेरेमनी करीब 2 घंटे की होती है। अंत में दोनों देशों की सीमा पर बने गेट एक बार फिर बंद कर दिए जाते हैं।
1959 में हुई थी बीटिंग द रिट्रीट की शुरुआत
यहां आपको बता दें कि, बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत वर्ष 1959 में हुई थी। समारोह के दौरान राष्ट्रगान (National Anthem) बजता है। देशभक्ति के नारे लगाए जाते हैं। साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाते हैं।
1959 में हुई थी बीटिंग द रिट्रीट की शुरुआत
यहां आपको बता दें कि, बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत वर्ष 1959 में हुई थी। समारोह के दौरान राष्ट्रगान (National Anthem) बजता है। देशभक्ति के नारे लगाए जाते हैं। साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाते हैं।
अमृतसर से कितनी दूरी पर है अटारी बॉर्डर?
अटारी-वाघा बॉर्डर (Attari-Wagah Border) पंजाब के अमृतसर शहर से तक़रीबन 32 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां हर दिन सैकड़ों भारतीय, विदेशी पर्यटक तथा स्थानीय लोग बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने पहुंचते हैं। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों के साथ-साथ उनके समकक्ष पाकिस्तानी रेंजर्स भी बीटिंग रिट्रीट समारोह में हिस्सा लेते हैं।
सूर्यास्त से पहले उतारा जाता है तिरंगा
अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत और पाकिस्तान (Pakistan) की सीमा पर गश्त करने वाले जवान अपने-अपने राष्ट्रीय ध्वज को हर सुबह फहराते हैं। शाम में सूर्यास्त से पहले तिरंगे को उतार लिया जाता है। तिरंगा उतारने से पहले भारत और पाकिस्तान के सुरक्षा बल एक-दूसरे को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए चुनौती देते हैं। दोनों देशों के जवान अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं। उस वक़्त का नजारा देशवासियों को आंदोलित करता है।
सूर्यास्त से पहले उतारा जाता है तिरंगा
अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत और पाकिस्तान (Pakistan) की सीमा पर गश्त करने वाले जवान अपने-अपने राष्ट्रीय ध्वज को हर सुबह फहराते हैं। शाम में सूर्यास्त से पहले तिरंगे को उतार लिया जाता है। तिरंगा उतारने से पहले भारत और पाकिस्तान के सुरक्षा बल एक-दूसरे को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए चुनौती देते हैं। दोनों देशों के जवान अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं। उस वक़्त का नजारा देशवासियों को आंदोलित करता है।
ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित है भारत-पाक चेक पोस्ट
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे (Partition of India and Pakistan) के बाद ऐतिहासिक ग्रैंड ट्रंक रोड (Grand Trunk Road) पर अटारी-वाघा संयुक्त चेक पोस्ट स्थापित की गई थी। यहां भारत की तरफ को अटारी बॉर्डर और पाकिस्तान की तरफ को वाघा बॉर्डर नाम से जाना जाता है। अटारी-वाघा बॉर्डर पर होने वाले बीटिंग द रिट्रीट समारोह के लिए दोनों देशों की सरकारों ने सहमति जाहिर की थी।
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