भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ने से दोनों देशों को होगा नुकसान: फारूक अब्दुल्ला

श्रीनगर में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के घर पर सर्वदलीय बैठक हुई। जिसके बाद उन्होंने प्रेस को संबोधित किया। अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से कश्मीर के लोग डरे हुए हैं।

Aditya Mishra
Published on: 4 Aug 2019 3:37 PM GMT
भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ने से दोनों देशों को होगा नुकसान: फारूक अब्दुल्ला
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जम्मू: श्रीनगर में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के घर पर सर्वदलीय बैठक हुई। जिसके बाद उन्होंने प्रेस को संबोधित किया। अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से कश्मीर के लोग डरे हुए हैं।

अब से पहले कभी भी अमरनाथ यात्रा को रद्द नहीं किया गया। यह कश्मीर के लिए सबसे बुरा वक्त है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान से अपील करते हुए कहा कि दोनों देश कोई ऐसा कदम न उठाएं, जिससे तनाव बढ़े।

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भारत -पाक में तनाव बढ़ने से दोनों देशों को नुकसान होगा

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से दोनों देशों को नुकसान होगा। जम्मू- कश्मीर का विशेष दर्जा नहीं छीना जाना चाहिए। कश्मीर घाटी में बीते कुछ दिनों से राज्य के विशेष संवैधानिक दर्जे और अनुच्छेद 35-ए को समाप्त करने की अटकलें जोर पकड़ रही हैं।

कश्मीर केंद्रित सियासत करने वाले मुख्यधारा के राजनीतिक दल और उनके नेता बार-बार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। केंद्र सरकार ने अभी तक इन अटकलों को अधिकारिक स्तर पर खारिज नहीं किया है।

पीपुल्स यूनाईटेड फ्रंट के संयोजक पूर्व विधायक इंजीनियर रशीद ने कहा कि हमने भी आज एक सर्वदलीय बैठक बुलायी है। देखते हैं कि इसमें क्या नतीजा निकलता है। हम भी बैठक में शामिल होंगे। आखिर इस समय जम्मू-कश्मीर की ही नहीं हमारी पहचान पर भी संकट बना हुआ है।

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कश्मीर को सैन्य छावनी बनाने से रोकना चाहिए

कश्मीर के खिलाफ होने वाली साजिशों का मुकाबला करने के लिए हम सभी का एकजुट होना जरूरी है। आज पूरे कश्मीर को सैन्य छावनी बना दिया गया है, यह सिलसिला रुकना चाहिए।

अगर इसके लिए हमें किसी अन्य दल में शामिल होना पड़ता है तो हम उसके लिए भी तैयार हैं। आज की सर्वदलीय बैठक में ही हमें पता चलेगा कि उमर और डॉ. फारुक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री से क्या बातचीत की है।

पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने कहा कि सवाल नेकां, कांग्रेस, पीडीपी या माकपा का नहीं है। यह जम्मू-कश्मीर के भविष्य का सवाल है।

हम जम्मू-कश्मीर में अमन बहाली के लिए, संवैधानिक दर्जे की हिफाजत के लिए किसी के भी साथ चलने को तैयार हैं। इस मुद्दे पर आज हम अपने संगठन में भी विचार विमर्श कर रहे हैं, क्येांकि नेकां नेताओं की प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के बाद इस बैठक के मायने बदल जाते हैं।

महबूबा मुफ़्ती ने कही ये बात

कश्मीर के मौजूदा हालात पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा है कि हमें कोई नहीं बता रहा है कि क्या होने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार कोई जवाब देने को तैयार नहीं है।

मुफ्ती ने कहा, ऐसे हालातों में जम्मू-कश्मीर की सियासी पार्टियों और आवाम को साथ मिलकर हालात का मुक़ाबला करना है। साथ ही उन्होंने बताया कि चूंकि किसी होटल में हमें बैठक करने की इजाज़त नहीं मिल रही है।

इसलिए आज शाम हम घर पर ही सर्वदलीय बैठक करेंगे। वहीं राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि फिलहाल जम्मू-कश्मीर में ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है, हांलाकि कल के बारे में वे कुछ नहीं कह सकते। साथ ही उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।

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