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चीनी सैनिकों का नया डेरा: पैंगोंग से हटे पीछे, अब इस क्षेत्र को बनाया आर्मी बेस
विवादित पैंगोंग झील के पास दोनों देशों के सैनिकों की तैनाती पर हुई सुलह और क्षेत्र से पीछे हटने के बाद चीनी सैनिकों ने नया डेरा बना लिया है।
लखनऊ: पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच विवादित पैंगोंग झील के पास दोनों देशों के सैनिकों की तैनाती पर हुई सुलह और क्षेत्र से पीछे हटने के बाद चीनी सैनिकों ने नया डेरा बना लिया है। पैंगोंग झील के पास से चीन के जो सैनिक पीछे हटे, वो आखिर अब कहां है? सैटेलाइट तस्वीरों से हाल ही में इस सवाल का खुलासा हो गया, जब चीनी सैनिकों को रुतोग इलाके में कैंप लगाए देखा गया।
पैंगोंग से पीछे हटे चीनी सैनिक रुतोग इलाके में बसे
दरअसल, पिछले एक साल से भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी सीमा तनाव को लेकर दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच कई बार बैठक हुई। जिसके बाद हाल ही में दोनों देशों में पैंगोंग से पीछे हटने की सहमति बनी। चीनी सैनिक जब इस क्षेत्र से पीछे हटे तो सीमा तनाव कम होने के संकेत मिले। हालाँकि ये सभी सैनिक पैंगोंग लेक से पीछे हटकर रुतोग इलाके में जा बसे।
पैंगोंग झील के पूर्वी छोर पर रुतोग
लद्दाख में रूतोग की स्थिति की बात करें तो यह क्षेत्र पैंगोंग लेक के बिल्कुल पूर्वी छोर पर है। पैंगोंग झील से करीब 100 किमी और मोल्डो से 110 किमी दूर रूतोग इलाका है। बता दें कि मोल्डो वही इलाका है, जहां विवाद के दौरान दोनों देशों के बीच कई बार कोर कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है।
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सीमा तनाव के बाद से जारी थी रुतोग को बेस बनाने की तैयारी
जानकारी के मुताबिक, साल 2019 से ही इस इलाके में काम चल रहा था, यानी भारत और चीन के बीच शुरूआती तनाव के दौरान ही चीन ने इसे बेस बनाने की तैयारी कर ली थी। ऐसे में अब रूतोग में स्थित चीनी का बेस सेना के लिए एक बैकअप की तरह भविष्य में काम आ सकता है। रुतोग में रडार सिस्टम, जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल, हेलिपोर्ट, टैंक ड्रिल्स जैसी गतिविधियां भी साल 2019 के बाद बढ़ गईं, जब दोनों देशों का विवाद होने लगा।
भारत-चीन इऩ 4 क्षेत्रों से सैनिक हटाने पर कर रहे चर्चा
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही भारत और चीन के सैन्य कमांडरों की 14 स्तर की वार्ता हुई। जिसमे पैंगोंग झील के खाली करने की पूरी हुई प्रक्रिया का वास्तविक सत्यापन किया गया। वहीं तय सहमति में मुताबिक दोनों कमांडर ने लद्दाख के चार तनानती वाले क्षेत्र डेपसांग, गोगरा, हॉट स्प्रिंग और डेमचक से सेना को पीछे हटाने के रोडमैप पर लंबी मंत्रणा की। सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों ने पैंगोंग की तर्ज पर इन इलाकों को भी आपसी सहमति से खाली करने पर रजामंदी दिखाई।