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भारत देगा मुंहतोड़ जवाब: सैन्य टुकड़ियों की वापसी पर रोक, सीमा के गांव होंगे खाली

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। लेह और आसपास की सीमाओं पर सेना का मूवमेंट बढ़ा दिया गया है।

Dharmendra kumar
Published on: 17 Jun 2020 8:55 PM IST
भारत देगा मुंहतोड़ जवाब: सैन्य टुकड़ियों की वापसी पर रोक, सीमा के गांव होंगे खाली
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। लेह और आसपास की सीमाओं पर सेना का मूवमेंट बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही लद्दाख में तैनात सेना की जिन यूनिट्स की पीस स्टेशन की ओर वापसी होनी थी, उन्हें वहीं रुकने का आदेश जारी कर दिया गया है। कश्मीर के विभिन्न इलाकों में तैनात सेना की यूनिटों को भी अग्रिम मोर्चे की ओर रवाना किया गया है। साथ ही लद्दाख के आसपास के इलाकों में तैनात दूसरी यूनिटों को भी मूवमेंट के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।

चीन के साथ 15 जून की रात हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित 20 भारतीय सैन्य कर्मियों की शहादत से इलाके में तनाव का माहौल है। हालांकि भारतीय सेना की ओर से चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया गया था और चीन के भी 43 सैनिकों के मारे जाने की खबर है। वैसे अभी तक चीन की ओर से इस बाबत कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।

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अफसरों और जवानों की छुट्टियां कैंसिल

हिंसक झड़प की इस घटना के बाद भारतीय सेना पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गई है। लद्दाख के सरहदी इलाके में चौकसी बढ़ा दी गई है और चीनी सेना की हर गतिविधि पर सतर्क नजर रखी जा रही है। इस बीच सेना ने बड़ा कदम उठाते हुए अपने अफसरों और जवानों की छुट्टियां कैंसिल कर दी हैं। जो अफसर और जवान छुट्टी पर गए हुए थे, लॉकडाउन लखनऊ उनकी छुट्टियां बढ़ा दी गई थी और उन्हें लौटने से मना कर दिया गया था। अब सेना की ओर से सभी अफसरों और जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।

आसपास के गांव होंगे खाली

हालत और बिगड़ने की आशंका से एहतियाती कदम भी उठाए जा रहे हैं। लद्दाख में सीमा से सटे गांवों को खाली कराने की कवायद शुरू कर दी गई है। देमचोक और पैंगॉन्ग लेक के आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। सेना की ओर से सीमा से सटे इलाकों में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। इन इलाकों में मोबाइल फोन पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। इस मामले में इतनी सतर्कता बरती जा रही है कि सेना के लैंडलाइन फोन भी बंद कर दिए गए हैं। सिर्फ ऐसे ही फोन काम कर रहे हैं जो ऑपरेशन से जुड़े हुए हैं। इन पर भी इनकमिंग कॉल्स पूरी तरह बंद हैं।

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सेना के अलावा सभी मूवमेंट पर रोक

सेना के वाहनों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए इलाके में सेना के अलावा सभी मूवमेंट पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। श्रीनगर-लेह हाईवे आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। चीन की हरकतों को ध्यान में रखते हुए चीन से सटी 34 सौ किलोमीटर लंबी सीमा पर विशेष तौर पर सतर्कता बरती जा रही है। सीमा पर बनी फॉरवर्ड पोस्ट पर तैनात कंपनियों को भी चीन की हरकतों पर नजर रखने और कोई भी गलत हरकत करने पर अपने स्तर एक्शन लेने की छूट दे दी गई है। भारतीय सेना की ओर से की गई इन तैयारियों से पता चलता है कि सेना अब आगे किसी प्रकार की चूक नहीं करना चाहती।

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चीन पहले भी कर चुका है दगाबाजी

लद्दाख में हुई इस झड़प के पहले 1975 में असम राइफल्स के चार जवान चीन की दगाबाजी का शिकार हुए थे। अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में चीनी सेना के हमले में असम राइफल्स की पेट्रोलिंग टीम के चार जवान शहीद हुए थे। उसके बाद भारत और चीन के बीच सीमा के विभिन्न इलाकों में समय-समय पर विवाद होते रहे हैं, लेकिन इन विवादों में किसी सैन्य कर्मी की शहादत नहीं हुई थी।

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