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चीन तनाव: रूस के दौरे पर रक्षा मंत्री, दोस्त से भारत ने जल्दी मांगा ये खतरनाक हथियार

लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़क के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पहुंच चुका है। चीन की हरकतों को देखते हुए भारत अब हर मोर्चे पर एक्टिव हो गया है।

Dharmendra kumar
Published on: 22 Jun 2020 9:48 AM IST
चीन तनाव: रूस के दौरे पर रक्षा मंत्री, दोस्त से भारत ने जल्दी मांगा ये खतरनाक हथियार
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नई दिल्ली: लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़क के बाद दोनों देशों में तनाव चरम पहुंच चुका है। चीन की हरकतों को देखते हुए भारत अब हर मोर्चे पर एक्टिव हो गया है। धोखेबाज चीन को आर्थिक से लेकर सामरिक तौर से घेरने की कोशिश हो रही है। इसी क्रम में भारत अपने पुराने दोस्त रूस से ऐंटी मिसाइल सिस्टम S-400 को जल्द से जल्द से जल्द लेने की कोशिश में जुट गया है।

भारत ने रूस के साथ साल 2018 में 5 अरब डॉलर से ज्यादा का यह समझौता किया था। कोरोना महामरी के चलते इस ऐंटी मिसाइल सिस्टम के मिलने में देरी हो रही है। इसे अब दिसंबर 2021 तक मिलने की बात कही जा रही है, लेकिन भारत चाहता है कि ये ऐंटी मिसाइल सिस्टम को जल्दी से जल्दी मिल जाए।

चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने सेना को पूरी तरह से अलर्ट कर दिया है और तमाम रक्षा तैयारियां पूरी करने का आदेश दिया है।

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रूस के दौरे पर राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की आज से रूस के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। राजनाथ सिंह इस दौरान रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम की जल्दी आपूर्ति के लिए आग्रह करेंगे। भारत ने पिछले साल ही इस सिस्टम के लिए एडवांस पैसा दे दिया है। बता दें कि चीन के भी रूस के साथ मजबूत रक्षा रिश्ते हैं। चीन पहले ही S-400 ऐंटी मिसाइल सिस्टम अपने बेड़े में शामिल कर चुका है।

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इन मोर्चों पर जंग की तैयारी

भारत ने दो मोर्चं पर युद्ध की तैयारी शुरू कर दी है। भारत ने तमाम रूकी पड़ी हथियारों की खरीद को तेज कर दिया है। इसके अलावा साजो-सामान के भंडार को बढ़ाने में भी जुट गया है। मीडिया रिपोर्ट में इस मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि रूस S-400 भारत के साथ कुछ और देशों को भी देने वाला है। लेकिन भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रिश्तों का हवाला देकर भारत इस ऐंटी मिसाइल सिस्टम की जल्द देने का दबाव बनाने वाला है।

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इन समझौतो में पहला, लड़ाकू विमान सुखोई और मिग बेड़े के कलपुर्जे जल्दी से उपलब्ध कराना और दूसरा राजनीतिक स्थिति में बदलाव के बाद भी भारत को मिलने वाली आपूर्ति बाधित नहीं होगी।



Dharmendra kumar

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