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350 चीनी सैनिकों का ऐसे किया 100 भारतीय जवानों ने सामना, फिर चीन को सौंपे शव
लद्दाख में गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिसंक झड़प में हमारे 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन की तरफ भी इस झड़प में काफी नुकसान हुआ है।
नई दिल्ली: लद्दाख में गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिसंक झड़प में हमारे 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन की तरफ भी इस झड़प में काफी नुकसान हुआ है। हालांकि अब तक चीन की तरफ से उनके मारे गए सैनिकों के बारे में कोई आंकड़ा जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि उनके 40 से ज्यादा जवान इस हिंसक झड़प में मारे गए हैं। सूत्रों ने बताया कि घटना के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने घाटी में बिखरे पडे चीनी सैनिकों के शव चीन को सौंपा था।
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100 भारतीय सैनिकों ने 350 चीनी सैनिकों का किया सामना
सूत्रों के मुताबिक, गलवानन नदी के पास पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर भारतीय सैनिकों के 100 जवान तकरीबन 350 सैनिकों से भिड़ा था। सोमवार की रात को दोनों सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में गलवान नदी के किनारे चीनी सैनिकों के शव बिखरे पड़े थे। झड़प के बाद भारतीय सुरक्षाबलों ने उन शवों को चीन को सौंपा था। बता दें कि भारत और चीन के बीच यह झड़प तब हुई थी, जब बिहार रेजीमेंट के जवानों ने चीनी सेना से गलवान घाटी में उनकी एक पोस्ट हटाने को कहा था।
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निगरानी पोस्ट को लेकर बढ़ा विवाद
दरअसल, सैनिकों के बीच गलवान नदी के किनारे चीनी सेना के बने एक निगरानी पोस्ट को लेकर यह विवाद खड़ा हुआ था। चीन के साथ हुई बातचीत के दौरान इसकी पुष्टि हुई थी। इस पोस्ट को हटाने के लए चीनी सेना के साथ समझौता भी हो गया था और चीन ने भी इस पोस्ट को नष्ट कर दिया था। लेकिन समझौते के बाद भी चीनी सेना के सैनिक पोस्ट से पीछे नहीं हटे थे। जिसके बाद भारतीय सेना की तरफ से कर्नल बी संतोष बाबू 50 जवानों के साथ इस मसले को लेकर बात करने के लिए पहुंचे।
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चीनी सैनिकों की धोखेबाजी
इस बीच, पहला भारतीय गश्त दल मौके से लौट आया। लेकिन उधर, चीनी सैनिकों ने इसी दौरान गलवान घाटी में अपने 300 से 350 जवानों को बुला लिया। इसके बाद जब भारत का दूसरा गश्त दल मौके पर पहुंचा तो पता चला कि निगरानी पोस्ट के पास काफी संख्या ने चीनी सैनिक जमा हैं। चीनी सैनिक भारतीय जवानों पर पत्थर और लाठी-डंड़ों से हमले के लिए तैयार बैठे थे। उसके बाद जैसे ही दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हुई, माहौल बिगड़ता गया।
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चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर किया हमला
इसके बाद भारतीय जवान वहां से टेंट और उपकरण उखाड़ने लगे। इस दौरान चीनी सैनिक भारतीय सैनिकों पर हमले के लिए तैयार बैठे थे। माहौल थोड़ा गरम होते ही मौके का फायदा उठा चीनी सैनिकों ने भारतीय जवान पर हमला बोल दिया। उन्होंने सबसे पहले 16 बिहार रेजीमेंट के हवलदार के पलानी पर किया। जैसे ही उन्होंने पलानी पर हमला बोला भारतीय जवान आक्रामक हो गए और ऊंचाई से पत्थर बरसाए जाने के बाद भी भारतीय सैनिक बहादुरी से उनका सामना कर रहे। यह झड़प करीब तीन घंटे तक चली। इस दौरान भारतीय समेत चीनी सेना के कई जवान मारे गए और कई घायल हो गए।
सुरक्षाबलों ने चीनी सैनिकों के शव को चीन को सौंपा
उसके बाद जब सुबह हुई और स्थिति थोड़ी सामान्य हो गई तो चीनी सैनिकों के शव गलवान नदी के पास खुले में बिखरे पड़े हुए थे। बाद में उन शवों को सुरक्षाबलों द्वारा चीन को सौंप दिया गया। जानकारी के मुताबिक, भारत की तरफ से केवल 100 ही जवान इस झड़प में शामिल हुए, जबकि चीनी सैनिकों की संख्या साढ़े तीन सौ से अधिक थी। इस दौरान बिहार रेजीमेंट के जवानों ने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर चीन के टेंट को हटा दिया।
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