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भारत-चीन के बीच 14 घंटे तक चली सैन्य वार्ता, लिए गए कई अहम फैसले

भारत और चीन के बीच मंगलवार को चौथी बैठक हुई। ये बैठक कोर कमांडर स्तर की थी। जो 14 घंटे तक चली। जिसमें तनाव वाले इलाकों में चीनी सेना के पीछे हटने पर चर्चा हुई।

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Published on: 15 July 2020 3:42 AM GMT
भारत-चीन के बीच 14 घंटे तक चली सैन्य वार्ता, लिए गए कई अहम फैसले
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नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच मंगलवार को चौथी बैठक हुई। ये बैठक कोर कमांडर स्तर की थी। जो 14 घंटे तक चली। जिसमें तनाव वाले इलाकों में चीनी सेना के पीछे हटने पर चर्चा हुई। कोर कमांडर की बैठक से पहले ही चीन की सेना पीएलए फिंगर फोर से फिंगर फाइव की ओर लौट गई है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये बैठक 14 जुलाई को सुबह साढ़े 11 बजे से शुरू होकर रात 2 बजे तक सैन्य वार्ता चली। इस बैठक में भारत की तरफ से ये मुद्दा उठाया गया कि अभी चीनी सेना पैंगॉन्ग इलाके के फिंगर-5 पर डटी है।

भारतीय सेना ने अप्रैल से पहले की स्थिति को बहाल करने की मांग की है। बैठक में निर्णय हुआ कि अप्रैल में दोनों सेनाएं जिस जगह पर थी। वही पर फिर से लौट जाये। साथ ही दोनों देश की सेनाएं अपने बड़े और घातक हथियार भी पीछे हटाएं।

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भारत ने पुरानी स्थिति बहाल करने की उठाई मांग

सूत्रों के अनुसार, फिंगर-4 को नो पेट्रोलिंग जोन घोषित किया गया है यानी दोनों देश की सेनाएं फिंगर-4 में पेट्रोलिंग नहीं करेंगी। भारत की तरफ से सेना ने चीन की पीएलए को साफ संदेश दे दिया है कि फिंगर-8 से वह पीछे जाएं और अप्रैल से पहले की स्थिति को बहाल किया जाए। फिलहाल, चीनी सेना फिंगर-4 से पीछे हटकर फिंगर-5 पर पहुंच गई है।

दरअसल, फिंगर-8 तक भारतीय सेना भी पेट्रोलिंग करती रही है, लेकिन अप्रैल के बाद चीनी सेना ने अपना फिंगर-4 से लेकर फिंगर-8 तक अपना जमावड़ा बढ़ा दिया और भारतीय सेना को पेट्रोलिंग करने से रोक दिया था। मौजूदा वक्त में चीनी सेना फिंगर-5 पर डटी है। भारत ने उसे फिंगर-8 से पीछे जाने के लिए कहा है।

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पैंगॉन्ग त्सो इलाके से चीन ने अपना सामान समेटना शुरु किया

बताते चलें की गलवान नदी घाटी और लद्दाख के पैंगॉन्ग त्सो इलाके से चीन ने अपना सामान समेटना शुरु कर दिया था। ये वही पैंगॉन्ग लेक इलाका है, जहां 5 मई को चीनी सैनिक आए थे और जहां से झड़प की खबरें आई थी। इस झील के किनारे करीब 2 महीने से चिंताजनक माहौल बना हैं। चीन ने यहां अपने टेंट गाड़े थे।

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