भारत-चीन में बड़ी बैठक: तनाव को लेकर होगी चर्चा, ये सभी होंगे शामिल

एक अधिकारी ने सूचना दी है कि दोनों पक्षों के बीच यह उच्च स्तरीय बैठक रविवार को होगी। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के लिए रूपरेखा और भारत के पक्ष पर काम किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो भारत और चीन के बीच यह बैठक चुशूल सेक्टर के सामने ड्रैगन की ओर मोल्डो में होगी।

Shreya
Published on: 23 Jan 2021 9:06 AM GMT
भारत-चीन में बड़ी बैठक: तनाव को लेकर होगी चर्चा, ये सभी होंगे शामिल
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बीजेपी प्रवक्ता टेची नेचा ने कहा कि भाजपा अपनी सरकार बनने के बाद मैकमोहन रेखा के पास 2000 किलोमीटर लंबे अरुणाचल फ्रंटियर राजमार्ग का कांस्ट्रक्टशन करा रही है।

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में बीते साल के मई महीने से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी है। लेकिन अब ये तनाव खत्म हो सकता है। दरअसल, इस समस्या का समाधान निकालने के लिए दोनों पक्षों के बीच नौवें दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तरीय अगली बातचीत रविवार को दोबारा शुरू होगी। इस बैठक का लक्ष्य दोनों देशों के बीच एलएसी पर जारी तनाव का हल निकालना है।

रविवार को होगी उच्च स्तरीय बैठक

बता दें कि इससे पहले भी तनाव को सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच दो महीने से अधिक समय तक उच्च स्तरीय सैन्य संवाद हो चुका है। एक अधिकारी ने सूचना दी है कि दोनों पक्षों के बीच यह उच्च स्तरीय बैठक रविवार को होगी। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के लिए रूपरेखा और भारत के पक्ष पर काम किया जा रहा है। इसमें कुछ बदलाव होने की संभावना है। इस बातचीत में विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे।

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INDIA-CHINA (फोटो- सोशल मीडिया)

चुशूल सेक्टर के सामने ड्रैगन की ओर मोल्डो में होगी बैठक

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो भारत और चीन के बीच यह बैठक चुशूल सेक्टर के सामने ड्रैगन की ओर मोल्डो में होगी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि दोनों पक्षों के बीच आखिरी सैन्य बैठक छह नवंबर को हुई थी। दोनों पक्षों के बीच जारी तनाव को नौ महीने होने जा रहे हैं। दोनों देश के सैनिक हथियारों से लैस होकर सीमा पर तैनात हैं। वो भी तब जब सीमा पर कुछ इलाकों में तापमान शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस नीचे जा चुका है।

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नौ महीने से जारी है भारत और चीन में तनाव

सर्दी के मौसम के दौरान सीमा पर शांति तो रही, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव कम नहीं हुआ है। बताते चलें कि 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने और इस घटना में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद से ही ये गतिरोध बना हुआ है। जबकि झड़प में चीन के घायल या मरने वाले सैनिकों की संख्या कभी सार्वजनिक नहीं की गई है।

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