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चीन ने भारत को रोकने के लिए उठाया अब तक का सबसे बड़ा कदम, भारतीय सेना हैरान
बता दें कि चीन डोकलाम के विवाद के बाद से ही भारत-तिब्बत बॉर्डर पर अपनी वायुसेना के मूवमेंट को बढ़ा दिया है। पिछले तीन साल में ये सर्विलांस सिस्टम बढ़ाया गया है। चीन लगातार यूएवी के जरिए भारतीयों पर नज़र रख रहा है, जो उसने लहासा, हूतान, वुडून, अकेसू जैसे इलाकों में तैनात किए हैं।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मसला अभी भी हल नहीं हो पाया है। इसको लेकर दोनों देशों के बीच तल्खी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है।
बॉर्डर का मसला सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर कई बार वार्ताएं भी हुई लेकिन सब बेनतीजा रही। बॉर्डर पर दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के खिलाफ आमने सामने डटी हुई है।
बॉर्डर पर भारत ने जिस तरह की तैयारियां कर रखी हैं। उससे देख कर चीन की बेचैनियां और भी ज्यादा बढ़ गई है। उसे समझ में ही नहीं आ रहा है कि आखिर वह भारत को कैसे रोके।
भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो(सोशल मीडिया)
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बड़ी साजिश रचने में लगा हुआ है चीन
इसलिए वह अब आमने सामने की लड़ाई से बचते हुए बीच का रास्ता तलाश रहा है। उसका पुराना इतिहास पीछे से हमला करने का रहा है। इस बार भी वह कुछ ऐसा ही करने का प्लान बना रहा है।
जब से भारत और चीन के मध्य लद्दाख सीमा पर तनातनी शुरू हुई है, तभी से ही चीनी सेना ने पैंगोंग झील के इलाके पर नज़र बनाई हुई है।
चीनी सेना की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ग्राउंड फोर्स (पीएलएजीएफ़) हाइस्पीड पेट्रोलिंग क्राफ्ट के जरिए पानी पर नज़र गढ़ाए हुए है, जिनमें Type 305, Type 928D बोट की मदद ली जा रही है।
अगर हम ताज़ा सैटेलाइट तस्वीरों को गौर से देखें तो पाएंगे कि चीन अब पैंगोंग त्सो की गहराई को नापने में भी लगा है।अब इसके लिए चीन की ओर से दुनिया की ताज़ा तकनीक की मदद ली जा रही है, जो एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए उपयोग में लाई जाती है।
चीन की सेना की फोटो(सोशल मीडिया)
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वुडून एयरपोर्ट से आई हैरान कर देने वाली तस्वीरें
इसी तरह वुडून एयरपोर्ट से जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें नई सैटेलाइट इमेज दिखाती हैं कि 24 अगस्त को वहां पर एक Y-8 GX6 डेप्यूट था। इस एयरक्राफ्ट में पुराने वर्जन के मुकाबले छोटे MAD boomइंस्टाल किये गये हैं।
अगर हम विमान की स्थिति पर गौर करें तो उससे ज्ञात होता है कि ये अभी परीक्षण मोड में ही है। वहीं, ऐसे ही करीब चार और एयरक्राफ्ट शियान-यानलियांग एयरबेस पर डेप्यूट किये गये हैं।
इससे पहले 31 जुलाई को OSINT टीम ने इस बारे में सूचित किया था कि फिंगर 4 से फिंगर 8 के बीच में चीन ने 13 बोट तैनात किया हैं।
चीन की पैंगोंगत्सो में अंडरवाटर एक्टिविटी पर नज़र
फिंगर 4 से ढाई किमी. की दूरी पर फिंगर 5 के पास करीब आठ नई बोट की संख्या को बढ़ाया गया था। लेकिन अब जो ताजा तस्वीरें सामने आई है वो एक बड़े खतरे की तरफ इशारा करती हैं।
चिंता करने की बात ये कि चीनी सेना PLA की एयरफोर्स अब पैंगोंगत्सो में अंडरवाटर एक्टिविटी पर नज़र रखें हुए है। इसके लिए स्पेशल तरीके के एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें मैग्नेटिक अनॉमेली डिटेक्टर (MAD boom) इंस्टाल किया हुआ है।
इनमें Y-8 GX6 और Shanxi Y-8 transporter's Gaoxin-6 या High New 6 variant जैसे एयरक्राफ्ट सम्मिलित हैं, जिनका उपयोग चीनी नेवी के द्वारा एंटी सरफेस के साथ पनडुब्बी युद्ध के लिए किया जाता है।
चीनी सेना इसके अंदर लगे यंत्र से आसानी से पानी के अंदर छुपी पनडुब्बियों का पता लगा सकता है इतना ही नहीं ये पानी में मौजूद खनिज और मिट्टी की पहचान करने में भी दक्ष हैं। अब ऐसे ही एयरक्राफ्ट सैटेलाइट इमेज में होतान, कोरला और वुडून में नजर आये हैं।
चीन की सेना की फोटो(सोशल मीडिया)
चीन डोकलाम विवाद के बाद से ही भारत-तिब्बत बॉर्डर पर वायुसेना के मूवमेंट को बढ़ा रहा
बता दें कि चीन डोकलाम के विवाद के बाद से ही भारत-तिब्बत बॉर्डर पर अपनी वायुसेना के मूवमेंट को बढ़ा दिया है। पिछले तीन साल में ये सर्विलांस सिस्टम बढ़ाया गया है। चीन लगातार यूएवी के जरिए भारतीयों पर नज़र रख रहा है, जो उसने लहासा, हूतान, वुडून, अकेसू जैसे इलाकों में तैनात किए हैं।
इतना ही नहीं चीन ने अभी हाल ही में विंगलूंग 2 यूएवी को टेस्ट किया, जो कि मौसम और कम्युनिकेशन के लेवल पर काम करता है।
इसकी सबसे पहले टेस्टिंग उक्सतल एयरबेस के पास की गई थी, जिससे भारत को डराया जा सके। इससे भी ज्यादा गौर करने की बात ये है कि चीन भारतीय नेवी के P8I सर्विलांस एयरक्राफ्ट पर भी नज़र रखें हुए है। इसलिए भारत को भी चाहिए कि वह चीन की हर चाल पर नजर रखें।
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