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भारत- चीन की अहम बैठक: 11 घंटे तक LAC तनाव पर चर्चा, निकला ये परिणाम
भारत और चीन के सेना अधिकारीयों के बीच लगभग 11 घंटे से ज्यादा समय तक मीटिंग हुई। जिसमे भारत ने स्पष्ट कर दिया कि चीन को सीमा पर पूरी तरह से पीछे हटना ही पड़ेगा।
नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा तनाव (India-China Faceoff) जारी है। इस बीच दोनों देशों की सेनाओं ने विवाद को कम करने के लिए रविवार को नौवें दौर की बातचीत की। भारत और चीन के सेना अधिकारीयों के बीच लगभग 11 घंटे से ज्यादा समय तक मीटिंग हुई। जिसमे भारत ने स्पष्ट कर दिया कि चीन को सीमा पर पूरी तरह से पीछे हटना ही पड़ेगा।
भारत-चीन के बीच 9वें दौर की बैठक
जानकारी के मुताबिक, यह बैठक पूर्वी लद्दाख में चीन की ओर मोल्डो सीमावर्ती क्षेत्र में हुई, इसमें भारत की ओर से लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन शामिल हुए। बताया जा रहा है कि भारत ने चीन से टकराव वाले सभी पॉइंट से अपने सैनिकों को हटाने के लिए कहा। उन्होंने का कि सैनिक हटाने की प्रक्रिया दोनों तरफ से एक साथ होनी चाहिए, न की एकतरफा।
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भारत ने कहा- चीन को सीमा से हटाने होंगे सैनिक
इसके साथ ही भारत ने कहा कि लद्दाख में तनाव कम करने की पूरी जिम्मेदारी चीन है।बता दें कि गतिरोध कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की मीटिंग हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा हाथ नहीं लगा है।
गौरतलब है कि इससे पहले दोनों देशों के बीच आठ दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन भारत और चीन के बीच टकराव खत्म नहीं हो रहा था। इनके बाद दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक करीब करीब बंद हो गई थी। बीते करीब ढाई महीनों से दोनों देशों के बीच कोई बैठक नहीं हुई है। हालांकि दोनों देशों के राजनयिक तनाव खत्म करने के लिए जरूर मुलाकात कर रहे हैं। अब दोनों देश सीमा पर चल रहे तनाव को कम करने के लिए एक बार फिर बैठक करने जा रहे हैं।
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आखिरी सैन्य बैठक 6 नवंबर को हुई थी
भारत और चीन के बीच आखिरी बार सैन्य बैठक छह नवंबर को हुई थी। बता दें कि नॉर्दन आर्मी कमांडर के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुडा का कहना है कि भारत और चीन के सेनाओं के बीच बातचीत से नतीजा निकलने की उम्मीद कम है। इस विवाद को राजनियक स्तर पर ही दोनों देश निपट सकते हैं।
गौरतलब है कि करीब साढ़े तीन महीने पहले भारतीय सैनिक पूर्वी लद्दाख में पेगोंग झील के दक्षिण किनारे पर रणनीतिक रूप से अहम मुखपरी, रेचिन ला और मगर हिल इलाके के कई ऊंचाई वाले स्थानों पर कब्जा कर लिया था।
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