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खतराः भारत में अमेरिका से ज्यादा केस, 18 राज्यों में कोरोना का डबल म्यूटेंट वेरिएंट

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है -इंडियन जीनोमिक्स कंसोर्टियम द्वारा की गई जीनोम सीक्वेंसिंग में पता चला है कि देश के कम से कम 18 राज्यों में कोरोना के अन्य स्ट्रेन्स के साथ-साथ डबल म्यूटेंट वेरिएंट भी मौजूद है।

Shivani
Published on: 25 March 2021 4:17 AM GMT
खतराः भारत में अमेरिका से ज्यादा केस, 18 राज्यों में कोरोना का डबल म्यूटेंट वेरिएंट
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कोरोना वायरस के शिकार लोगों में दोबारा इंफेक्शन, कितना खतरनाक

नीलमणि लाल

नई दिल्ली। देश में कोरोना के ढेरों स्ट्रेन तो घूम ही रहे हैं, अब कोरोना वायरस का डबल म्यूटेंट वेरिएंट भी पाया गया है। ये वेरिएंट ज्यादा तेजी से फैलता है और मुमकिन है कि इस पर किसी वैक्सीन का कोई असर न हो।

18 राज्यों में कोरोना के अन्य स्ट्रेन्स के साथ-साथ डबल म्यूटेंट वेरिएंट भी मौजूद

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है -इंडियन जीनोमिक्स कंसोर्टियम द्वारा की गई जीनोम सीक्वेंसिंग में पता चला है कि देश के कम से कम 18 राज्यों में कोरोना के अन्य स्ट्रेन्स के साथ-साथ डबल म्यूटेंट वेरिएंट भी मौजूद है। देश में कोरोना के नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए 10 लैब को मिलाकर कंसोर्टियम बनाया गया है जो पिछले साल दिसंबर से वायरस के वेरिएंट्स का पता लगाने में जुटा है। इसकी शुरुआत के बाद से राज्य सरकारों की तरफ से भेजे गए 10,787 पॉजीटिव सैंपल में से 771 सैंपल में नया वेरिएंट पाया गया है। 771 में से 736 में यूनाइटेड किंगडम वाला, 34 में दक्षिण अफ्रीकी और एक में ब्राजीली वेरिएंट पाया गया है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि महाराष्ट्र से मिले सैंपल के विश्लेषण से पता चला है कि दिसंबर 2020 की तुलना में नमूनों में दो अलग अलग म्यूटेशन की बढ़ोतरी हुई है। वायरस का यह म्यूटेशन लगभग 15 से 20 फीसदी सैंपल में पाया गया है। ये पहले के वेरिएंट्स से अलग है। ये वेरिएंट शरीर के इम्यून सिस्टम से बचकर संक्रामकता बढ़ाता है।

अमेरिका से ज्यादा कोरोना के मामले भारत में

देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के दैनिक मामलों में बढ़ोतरी जारी है। भारत में बीते दिन कोरोना के 53404 नए मामले सामने आए और 248 मरीजों की मौत हुई। ये बीते पांच महीने में सामने आए सबसे अधिक नए मामले हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,17,34,058 हो गई है। इनमें से 1,60,441 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। वहीं अमेरिका में बीते दिन अमेरिका में 15,807 नए केस मिले जिनको मिला कर कुल मामलों की संख्या 3,06,52,341 हो गयी है।

Corona

भारत में अब सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3,68,457 हो गई है। महाराष्ट्र में अब तक 25,33,026 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है और 53,589 लोगों की मौत हुई है। केरल में अब तक 11,07,452 लोगों को संक्रमित पाया गया है और 4,517 मौतें हुई हैं। 9,73,657 मामलों और 12,449 मौतों के साथ कर्नाटक और 8,94,536 मामलों और 7,193 मौतों के साथ आंध्र प्रदेश अगले दो सबसे अधिक प्रभावित राज्य हैं।

कोरोना से राज्यों की स्थिति

राजस्थान : मार्च की शुरुआत में रोजाना करीब 100 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो रही थी, लेकिन बीते तीन हफ्तों में यह संख्या छह गुना बढ़ गई है।

पंजाब : 24 मार्च को यहाँ 2634 मामले मिले जबकि 39 लोगों की मौत हो गयी। राज्य में एक्टिव मामलों की संख्या 20522 हो गयी है। पंजाब में 81 फीसदी केस यूके वाले वेरिएंट के हैं।

गुजरात : यहाँ दैनिक मामलों में बीते एक महीने में पांच गुना वृद्धि हुई है। सर्वाधिक केस सूरत, अहमदाबाद, वड़ोदरा, राजकोट और भावनगर में मिले हैं।

कर्नाटक : राज्य में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो गई है और यहां 12,000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।

दिल्ली : यहां तीन महीनों बाद पहली बार 1,000 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं।

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उत्तर प्रदेश : बीते 10 दिनों से उत्तर प्रदेश में भी दैनिक मामलों में इजाफा हो रहा है। 12 मार्च को राज्य में 167 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी, वहीं 22 मार्च को यह संख्या बढ़कर 542 हो गई। इन 10 दिनों के भीतर राज्य की पॉजीटिविटी रेट 0.18 प्रतिशत से बढ़कर 0.40 हो गई है।

तमिलनाडु : राज्य में लगातार मामले बढ़ रहे हैं। 18 मार्च को यहां 80 दिन बाद पहली बार 1,000 से अधिक मरीज मिले। उसके बाद से रोजाना 1,200 से अधिक लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं। 24 मार्च को यहाँ 1636 केस मिले और 12 लोगों की मौत हो गयी।

मध्य प्रदेश : राज्य में महामारी का प्रकोप जोरों पर हैं। भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में रोजाना 300 से 400 मरीज मिल रहे हैं।

88 फीसदी मौतें 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की

कोरोना वायरस से संक्रमित हो कर जितनी भी मौतें भारत में हुईं हैं उनमें से करीब 88 फीसदी लोग 45 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले रहे हैं। यानी इस महामारी में सबसे ज्यादा जोखिम वाला आयु वर्ग 45 से ऊपर का है और इसे प्रोटेक्शन देना सबसे पहली प्राथमिकता है।

corona virus

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये जानकारी देते हुए कहा है कि 45 वर्ष से ज्यादा के उम्र वालों में जो लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं उनकी मृत्यु दर 2.85 फीसदी है। यही वजह है कि अब सरकार ने 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन देने का फैसला किया है।

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