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इस पड़ोसी देश से चिकित्सा उपकरण खरीदने जा रहा भारत, क्या है वजह

संक्रमितों और मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। अब बड़ी खबर ये है कि भारत कोविड-19 यानी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए चीन से वेंटिलेटर्स के अलावा मास्क और आई गियर जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट खरीदने जा रहा है।

राम केवी
Published on: 1 April 2020 8:26 AM GMT
इस पड़ोसी देश से चिकित्सा उपकरण खरीदने जा रहा भारत, क्या है वजह
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नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी को नजरअंदाज कर निर्यात जारी रखने की कीमत क्या भारत चीन से वेंटिलेटर्स के अलावा मास्क और आई गियर जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट खरीद कर चुकाने जा रहा है। यह सबसे बड़ा सवाल है। क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तो महामारी के शुरुआती चरण में चिकित्सा उपकरण तैयार रखने का अलर्ट फरवरी में ही जारी कर दिया था।

वर्तमान में दुनिया भर के देश चीन से फैले खतरनाक कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे हैं। इनमें भारत भी शामिल है। संक्रमितों और मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। अब बड़ी खबर ये है कि भारत कोविड-19 यानी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए चीन से वेंटिलेटर्स के अलावा मास्क और आई गियर जैसे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट खरीदने जा रहा है।

यह खबर बड़ी जरूर है लेकिन कुछ विलंब से तब आयी है जबकि देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो चुकी है। और सरकार के सामने चिकित्सा उपकरणों की मांग बहुत अधिक बढ़ चुकी है।

अनजाने में हुई लापरवाही

गौरतलब है कि देश में 30 जनवरी को कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। इसके अगले ही दिन 31 जनवरी 2020 को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सभी तरह के निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) जैसे कि सर्जिकल मास्क, दस्ताने, वेंटिलेटर इत्यादि के निर्यात पर तुरंत रोक लगा दी।

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लेकिन एक हफ्ते के भीतर ही केंद्र सरकार ने इस आदेश में संशोधन कर दिया और आठ फरवरी 2020 को एक आदेश जारी कर सर्जिकल मास्क और एनबीआर दस्ताने को छोड़कर सभी तरह के दस्तानों के निर्यात को मंजूरी दे दी।

25 फरवरी 2020 को एक नया आदेश जारी कर आठ अन्य चीजों के निर्यात में भी छूट दे दी गई। इन सामानों के कच्चे माल के निर्यात में भी छूट दे दी गई।

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जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन 27 फरवरी 2020 को ही दिशानिर्देश जारी कर कह चुका था कि कोरोना वायरस को देखते हुए सभी देश स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण जमा कर के रख लें। और इन उपकरणों का उत्पादन 40 फीसदी बढ़ाने को भी कहा गया था।

लेकिन शुरुआत में कहीं चूक हुई। ध्यान रहे कि 19 मार्च 2020 को केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने सर्जिकल मास्क और वेंटिलेटर के निर्यात पर रोक लगाई है। अब मास्क के कच्चे माल के निर्यात पर भी रोक लगा दी गई है।

अब सरकार इन उपकरणों की चाइनीज कंपनियों से खरीद करेगी। सूत्रों का कहना है कि चीन ने इससे पहले स्पेन, चेक रिपब्लिक और तुर्की को भी टेस्टिंग किट सप्लाई की थीं जो कि गड़बड़ पाई गई थीं। इस तथ्य को ध्यान में रखे जाने की जरूरत है।

राम केवी

राम केवी

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