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Sputnik 5 : भारत को जल्द मिलेगी तीसरी वैक्सीन, तैयार होगी 10 करोड़ खुराक

स्पुतनिक-5 को रूस के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा डेवलप किया गया है और इसे रूस ने दुनिया की सबसे पहली कोरोना वैक्सीन के रूप में पेश किया था। लेकिन चूँकि इसके सभी आवश्यक ट्रायल नहीं हुए थे सो इस पर दुनिया का भरोसा नहीं जम पाया।

SK Gautam
Published on: 13 Jan 2021 6:00 PM IST
Sputnik 5 : भारत को जल्द मिलेगी तीसरी वैक्सीन, तैयार होगी 10 करोड़ खुराक
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Sputnik 5 : भारत को जल्द मिलेगी तीसरी वैक्सीन, तैयार होगी 10 करोड़ खुराक

नीलमणि लाल

नई दिल्ली: भारत को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' के रूप में दो वैक्सीनें मिल चुकी है। अब रूसी 'स्पुतनिक-5' के रूप में एक और वैक्सीन मिलने की संभावनाएं बढ़ गई है। रूसी वैक्सीन का भारत में ट्रायल हैदराबाद की डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड कर रही है। इस कंपनी ने इसके दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल पूरा कर लिया है और अब ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत मांगी गयी है।

अगस्त में ही लांच हो गयी थी स्पुतनिक 5

स्पुतनिक-5 को रूस के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा डेवलप किया गया है और इसे रूस ने दुनिया की सबसे पहली कोरोना वैक्सीन के रूप में पेश किया था। लेकिन चूँकि इसके सभी आवश्यक ट्रायल नहीं हुए थे सो इस पर दुनिया का भरोसा नहीं जम पाया। सवाल उठने पर रूस ने अपनी वैक्सीन के व्यापक ह्यूमन ट्रायल शुरू किये थे। स्पूतनिक-5 का पहला क्लिनिक ट्रायल 18 जून को शुरू हुआ था। इसमें 38 लोगों को डोज दी गई थी। 20 जुलाई को आए ट्रायल के नतीजों में इसमे हिस्सा लेने वाले सभी लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी देखने को मिली थी। इसके बाद रूस ने अगस्त में वैक्सीन लॉन्च करने का ऐलान किया था।

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भारत में दिसंबर में शुरू हुआ था ट्रायल

रूसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फण्ड ने इस वैक्सीन के भारत में ट्रायल और वितरण के लिए सितंबर में हैदराबाद की डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज से करार किया था। कंपनी ने अनुमति मिलने के बाद 2 दिसंबर को इसका दूसरे चरण का ट्रायल शुरू किया था। इसमें 100 लोगों को वैक्सीन की खुराक देकर उसकी सुरक्षा की जांच की गई थी। इसके बाद अब कंपनी तीसरे चरण के ट्रायल में 1,400 वॉलेंटियरों को इसकी खुराक देगी।

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भारत में 10 करोड़ खुराक तैयार करने का लक्ष्य

डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज ने कहा है कि दूसरे चरण का ट्रायल पूरा हो गया है। इसमें किसी भी प्रकार की सुरक्षा चिंताएं सामने नहीं आई हैं। ट्रायल के सुरक्षा डेटा को मंजूरी के लिए ड्रग कंट्रोलर के समक्ष प्रस्तुत किया गया है और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति भी मांगी गई है। मंजूरी मिलते ही ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।

डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज के एमडी जीवी प्रसाद ने कहा है कि इस वैक्सीन को अब तक रूस के करीब 10 लाख लोग और अर्जेंटीना में तीन लाख से अधिक लोगों को दिया जा चुका है। कंपनी ने भारत में 10 करोड़ खुराक तैयार करने का लक्ष्य रखा है। वैक्सीन का भारत के अलावा यूएई, मिस्र, वेनेजुएला और बेलारूस में क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है।

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92 फीसदी असरदार

रूसी कंपनी ने दावा किया है कि ये वैक्सीन वॉलेंटियरों को पहली खुराक दिए जाने के 28 दिन बाद 91.4 प्रतिशत प्रभावी मिली थी, लेकिन पहली खुराक के 42 दिन बार के विश्लेषण में यह 95 प्रतिशत तक प्रभावी मिली है। ये भी दावा किया गया है कि गंभीर मामलों में यह 100 प्रतिशत तक प्रभावी साबित हुई है।

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