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दिखाई भारत की ताकत, मोदी ने तोड़ीं इमरान की उम्मीदें
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी दर्जनों देशों की यात्राएं कर चुके हैं मगर इस बार उनकी अमेरिका यात्रा जैसी चर्चा पहले की किसी विदेश यात्रा की नहीं हुई। हाउडी मोदी को अमेरिका के इतिहास में पोप फ्रांसिस के बाद किसी विदेशी नेता का सबसे बड़ा कार्यक्रम बताया जा रहा है। शायद पहली बार किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी धरती पर किसी दूसरे देश के शासनाध्यक्ष के लिए आयोजित कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सार्वजनिक मंच साझा किया। हाउडी मोदी कार्यक्रम ने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती देने के साथ ही दुनिया को भारत की बढ़ती हैसियत का अहसास भी कराया।
अमेरिका के लिए भारत महत्वपूर्ण
मोदी के अमेरिका दौरे को मिली अहमियत इस बात का संकेत है कि मौजूदा दौर में अमेरिका के लिए भारत कितना महत्वपूर्ण है। ट्रंप और मोदी की आपसी केमिस्ट्री से साफ दिखा कि भारत और अमेरिका के रिश्ते अब बराबरी के स्तर पर हैं। अमेरिका की धरती से पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सबको पता है कि 9/11 और 26/11 आतंकी हमलों के साजिशकर्ता कहां मिलेंगे। अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक जंग छेडऩी होगी। ट्रंप ने भी मोदी को अमेरिका के सबसे महान, समर्पित और वफादार दोस्तों में से एक बताया। हाउडी मोदी ने यह संकेत भी दिया कि भारत के बाहर रहने वाले भारत के लोग एक बड़ी ताकत के रूप में उभर रहे हैं और अमेरिकी जैसी दुनिया की सबसे ताकतवर सत्ता को भी उनकी मदद की जरुरत है। भारत में मंदी के शोर के बीच भारत-अमेरिका के रिश्तों की यह ठोस बुनियाद नई आशा जगाती है।
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मोदी के अमेरिकी दौरे और खासकर हाउडी मोदी में ट्रंप के भाषण से साफ हो गया कि कश्मीर मुद्दे पर भारत को दुनिया के इस ताकतवर देश का पूरा साथ मिलेगा। इस्लामिक देशों से मिली निराशा के बाद अमेरिका से मदद की पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की सारी उम्मीदें मोदी के इस दौरे ने धराशाई कर दीं। आतंकवाद के खिलाफ ट्रंप ने मोदी का साथ देने का ऐलान किया और माना जा रहा है कि अमेरिका के मित्र देश भी अब इसी आधार पर अपना रुख तय करेंगे। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि ट्रंप के इस रुख के पीछे भारतीय मूल के लोगों का समर्थन पाने की इच्छा भी है।
अनिवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका
अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं और ऐसे में भारतीय मूल के वोटर ट्रंप के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। इसी कारण उन्होंने इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और बैठकर मोदी का पूरा भाषण सुना। मोदी ने भी अबकी बार ट्रंप सरकार की बात कहकर अमेरिका का दिल जीतने की कोशिश की और काफी हद तक कामयाब भी हुए। कांग्रेस ने मोदी के यह बात कहने पर गहरी आपत्ति भी जताई है। अपना भाषण खत्म करने के बाद पीएम मोदी सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति के पास पहुंचे और फिर स्टेडियम का चक्कर लगाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।
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अमेरिका को खटक रहा चीन
मोदी को अमेरिका में मिली अहमियत का एक बड़ा राज दक्षिण एशिया में भारत की मजबूत स्थिति है। दरअसल, एशिया में चीन की विस्?तारवादी नीति अमेरिका को लगातार खटकती रही है। जिस तरह चीन एशिया में व्?यापार के नाम पर अपनी सामरिक छावनी बनाने में जुटा है, वह अमेरिका को रास नहीं आ रहा है। ऐसे में भारत अमेरिका का मजबूत मित्र बनकर उभरा है। इसका एक कारण यह भी है कि अब पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे। अब अमेरिका भारत के जरिए चीन को नियंत्रित करना चाहता है। चीन अमेरिका की आंखों में खटक रहा है तो भारत के भी। भारत भी चीन के साथ लगातार सीमा विवाद की समस्?या झेल रहा है।
भारत के बाजार का आकर्षण
यह भी दिलचस्प है कि मोदी के कार्यक्रम के प्रति जितनी दिलचस्पी ट्रंप की दिखी उतनी ही विपक्षी डेमोक्रेट्स की भी। इसका कारण जानना मुश्किल नहीं है। अमेरिका की जनसंख्या का 20 फीसदी आबादी एशियाई मूल के लोगों की है। इनमें भी सबसे ज्यादा संख्या भारतीयों की है। अमेरिका की राजनीति में भारतीयों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में भारत को तवज्जो देना अमेरिकी सत्ता की मजबूरी बन गया है। इसके साथ ही आर्थिक नजरिये से भी भारत दुनिया के लिए महत्वपूर्ण काफी महत्वपूर्ण बन चुका है। 21वीं सदी में भारत आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। इसके साथ ही भारत पर संपन्न देशों की नजर इसलिए भी है क्योंकि यहां बहुत बड़ा बाजार है। देश में राजनीतिक स्थिरता के कारण विकास की प्रबल संभावनाएं भी हैं। ऐसे में अमेरिका भारत को अपने बड़े बाजार के रूप में देख रहा है।
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मोदी ने पाक पर साधा निशाना
मोदी ने अमेरिका की जमीन से आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के भारत के फैसले से वे लोग परेशान दिख रहे हैं जो अपने ही देश को नहीं संभाल पा रहे। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया जब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लडऩी होगी। मोदी ने पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम लिए बिना दोनों पर निशाना साधा। मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि देश के सामने 70 साल से एक बड़ी चुनौती थी जिसे कुछ दिन पहले भारत ने फेयरवेल दे दिया है। मोदी को इस पर एनआरजी स्टेडियम में मौजूद करीब 50 हजार लोगों का भारी समर्थन मिला और सभी ने तालियां बजाकर मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया।
आतंकवाद के खिलाफ मिला अमेरिका का सहयोग
पीएम मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को विकास और समान अधिकारों से वंचित कर रखा था। आतंकवाद और अलगाववाद बढ़ाने वाली ताकतें इसका भरपूर फायदा उठा रहीं थीं। इस अनुच्छेद को खत्म करने से कश्मीर-लद्दाख का विकास होगा और वहां समृद्धि आएगी। इस कदम से महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ भेदभाव खत्म होगा। सरकार के एक फैसले से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को भी वही अधिकार मिल गए हैं जो अब तक भारत के संविधान में बाकी भारतीयों को मिले हुए हैं। मोदी ने ट्रंप की तारीफ करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में वे मजबूती से हमारा सहयोग कर रहे हैं। अरबों लोग ट्रंप के शब्द-शब्द को फॉलो करते हैं और विश्व की राजनीति में ट्रंप का बड़ा कद है। ट्रंप ने भी कट्टर इस्लामिक आतंकवाद से निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए अपनी वचनबद्धता दोहराई।
ट्रंप ने मोदी को बताया फादर ऑफ इंडिया
ह्यूस्टन में मुलाकात के 36 घंटे बाद एक बार फिर मोदी की ट्रंप से न्यूयार्क में मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई। मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने पत्रकारों से भी बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने ट्रंप को भारत का अच्छा दोस्त बताया। वहीं ट्रंप ने भी पीएम मोदी की तारीफ में कोई कोताही नहीं की। ट्रंप ने मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें भारत का पिता कह डाला। ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी भारत के पिता (फादर ऑफ इंडिया) हैं। हालांकि ट्रंप के इस बयान पर भारत में कई नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी रॉकस्टार एलविस प्रेस्ली की तरह लोकप्रिय हैं। मैं मोदी को बहुत पसंद करता हूं।
पहली बार बदली गई प्रेसिडेंशियल सील
अमेरिका के ह्यूस्टन में हुए हाउडी मोदी कार्यक्रम में राष्ट्रपति ट्रंप के भाषण मंच पर प्रेसिडेंशियल सील के बजाय भारत-अमेरिका के झंडों की सील ने काफी चर्चा बटोरी। अमेरिकी प्रशासन ने पहली बार अपने राष्ट्रपति के भाषण मंच पर लगाए जाने वाले प्रतीक चिह्न में बदलाव किया है। अभी तक की परंपरा के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति के भाषण मंच पर प्रेसिडेंशियल सील लगाना जरूरी होता है। देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अमेरिकी राष्ट्रपति का कोई भी भाषण या बयान प्रेसिडेंशियल सील वाले भाषण मंच से ही होता है। यहां तक कि साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस या संंयुक्त बयान के दौरान भी इसमें बदलाव नहीं किया जाता। चुनाव अभियान में भी प्रेसिडेंशियल सील नहीं हटाई जाती है। इसे सील ऑफ द प्रेसिडेंट ऑफ द यूनाइटेड स्टेट्स कहा जाता है।
अमेरिका के साथ बड़ी ट्रेड डील
इसे मोदी की बड़ी कामयाबी माना जाएगा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ बड़ी ट्रेड डील का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही अमेरिका भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर पहुंच जाएगा। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी। व्यापार समझौते की उम्मीद के सवाल पर ट्रंप ने कहा कि हम इस पर अच्छा कर रहे हैं और मुझे लगता है कि जल्द ही हम व्यापार समझौता कर लेंगे। वहीं कश्मीर से जुड़े सवाल पर ट्रंप ने कहा कि मोदी और इमरान खान मिलकर मुद्दा सुलझा लेंगे। ट्रंप ने कहा कि अच्छा होगा कि दोनों देश मिलकर कश्मीर पर काम करें। ट्रंप ने कहा कि मोदी महान प्रधानमंत्री हैं और वह सारी समस्या सुलझा लेंगे। ट्रंप ने कहा कि भारत-अमेरिका अच्छे दोस्त हैं और मूल्यों के आधार पर हमारी मित्रता बढ़ रही है। ट्रंप के साथ हमारी द्विपक्षीय मुद्दों पर अच्छी बातचीत हुई है। मोदी ने ट्रंप को ह्यूस्टन के हाउडी मोदी कार्यक्रम की तस्वीर तोहफे में दी।
भारत में निवेश का सुनहरा मौका
पीएम मोदी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। न्यूयॉर्क में ग्लोबल बिजनस फोरम में मोदी ने कहा कि मेरी नई सरकार को तीन-चार महीने ही हुए हैं। अभी लंबा समय बाकी है। यह पूरी दुनिया के बिजनेस वल्र्ड के लिए भारत में निवेश करने का सुनहरा मौका है। भारत एक बहुत बड़ा बाजार है। निवेश का फायदा उठाने के लिए आपको भारत में आना होगा। यदि आप सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर, इको सिस्टम और शहरीकरण में से एक में निवेश करना चाहते हैं तो आप भारत आइए। आपकी तकनीक और हमारी प्रतिभा दुनिया बदल सकती है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर हम 100 लाख करोड़ खर्च करने वाले हैं। हमारे सपने और निवेशकों की इच्छाएं पूरी तरह से मेल खाते हैं। हमने ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने का बड़ा लक्ष्य रखा है। इसे पूरा करने के लिए हमें आपकी मदद की जरुरत है। हमने कॉरपोरेट सेक्टर में भारी टैक्स कटौती करने का बड़ा फैसला लिया है। 50 से ज्यादा कानूनों को खत्म करके हमने कारोबार की राह की बाधाओं को दूर किया है।