×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

बड़ा सवाल: भारत-नेपाल के बीच बढ़ा विवाद, आखिर 'कालापानी' किसका..?

भारत और नेपाल के बीच का विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा। दोनों देशों के बीच कालापानी विवाद का एक बड़ा मुद्दा है। हालाँकि इसे लेकर अब नेपाल सबूत पेश करेगा।

Shivani Awasthi
Published on: 3 Jan 2020 12:00 PM IST
बड़ा सवाल: भारत-नेपाल के बीच बढ़ा विवाद, आखिर कालापानी किसका..?
X

दिल्ली: भारत और नेपाल (India-Nepal) के बीच का विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा। दोनों देशों के बीच कालापानी विवाद का एक बड़ा मुद्दा है। हालाँकि इसे लेकर अब नेपाल सबूत पेश करेगा। दरअसल, नेपाल की शीर्ष अदालत ने कालापानी (Kalapani territory) को बचाने के लिए सरकार को भारत संग राजनीतिक और कूटनीतिक पहल करने का अनुरोध किया। इसी कड़ी में कोर्ट ने नेपाल सरकार से भारत के साथ हुई 1816 की सुगौली संधि से जुड़े दस्तावेज और देश का एतिहासिक नक्शा पेश करने को कहा है।

नेपाली सुप्रीम कोर्ट ने तलब की नक्शे की मूल कापी:

जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के बाद भारत ने नए राजनीतिक नक़्शे में सीमाओं का चित्रण किया है। इस नक़्शे को लेकर नेपाल ने आपत्ति जताई है। भारत का दावा है कि नए नक़्शे में नेपाल के साथ लगी सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया लेकिन नेपाल का मामला है कि भारत ने कालापानी इलाके को भारत का हिस्सा दिखाया है, जो कि नेपाल का भाग है। इसी को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत की खबरे भी सामने आ रही हैं।

ये भी पढ़ें: सियासी चेहरे: जो कभी सदन की शोभा थे, अब जेल की

अब इस मसले में नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने नए आदेश जारी कर दिए हैं। दरअसल, गुरूवार को नेपाल की शीर्ष अदालत ने केपी शर्मा सरकार को 15 दिनों के अंदर देश का वास्तविक नक्शे उपलब्ध कराने को कहा है। ये 1816 में भारत के साथ हुए सुगौली समझौते के वक्त और 1960 में सीमा संधि पर दस्तखत के दौरान के हैं।

जानें क्या है कालापानी विवाद:

कालापानी चीन, नेपाल और भारत की सीमा के मिलनबिंदु पर 372 वर्ग कि.मी का क्षेत्र है। भारत इसे उत्तराखंड का हिस्सा मानता है जबकि नेपाल इसे अपने नक्शे में दर्शाता है। दोनों ही देशो के लिए यह अहम है कि इस इलाके को लिपुलेख दर्रा चीनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि साल 1962 से ही कालापानी पर इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस की पहरेदारी है। हाल ही में भारत के नए नक़्शे में काली नदी को भी शामिल किया गया है। जिसको लेकर नेपाल ने इसका विरोध करते हुए इसे अपने देश का हिस्सा बताया है।

ये भी पढ़ें: शाह का बड़ा प्लान: दिल्ली-बंगाल और बिहार को लेकर कही ये बड़ी बात

सुगौली समझौते का दिया जा रहा हवाला:

दरअसल, 1816 में ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के बीच सुगौली संधि हुई थी। इसमें कालापानी इलाके से होकर बहने वाली महाकाली नदी भारत-नेपाल की सीमा मानी गई है। हालांकि, सर्वे करने वाले ब्रिटिश ऑफिसर ने बाद में नदी का उद्गम स्थल भी चिह्नित कर दिया था जिसमें कई स्थलों पर सहायक नदियां भी मिलती हैं। बाद में 1962 में भारत और चीन में युद्ध हुआ तो भारतीय सेना ने कालापानी में चौकी बनाई।

नेपाल का दावा है कि 1961 में यानी भारत-चीन युद्ध से पहले नेपाल ने यहां जनगणना करवाई थी और तब भारत ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। नेपाल का मानना है कि कालापानी उनके इलाके में आता है। उनका कहना है कि कालापानी में भारत की मौजूदगी सुगौली संधि का उल्लंघन है। वहीं, भारत नदी का अलग उद्गम स्थल बताते हुए इस पर अपना दावा करता है।

ये भी पढ़ें: राम मंदिर पर बड़ी खबर: सालों बाद होगा ऐसा, बाहर आएंगी राम शिलाएं



\
Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story