×

भारत-पाकिस्तान को करीब ला रहा ये शख्स, दोनो देशों के तनाव होंगे कम

अजित डोभाल ने प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक सुरक्षा मामलों के अपने समकक्ष मोइद यूसुफ से मुलाकात की थी, उसी समय कुछ सकारात्मक संकेत मिले थे।

Shivani Awasthi
Published on: 26 Feb 2021 6:49 AM GMT
भारत-पाकिस्तान को करीब ला रहा ये शख्स, दोनो देशों के तनाव होंगे कम
X

रामकृष्ण वाजपेयी

भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर जमा बर्फ छंटने लगी है। इसकी झलक पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विमान को भारतीय सीमा से होकर जाने की इजाजत से दिखी, हालांकि जानकारी में यह आ रहा है कि पिछले कई महीनों से दोनो देश पर्दे के पीछे से इस तरह के प्रयासों में जुटे हैं। भारतीय पक्ष से इसका नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कर रहे हैं। गर्मजोशी से किये जा रहे प्रयासों से ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में शांति की दिशा में जल्द ही सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे। क्योंकि देशों की जनता भी इस दिशा में आशावादी है।

भारत- पाकिस्तान सीज फायर शांति समझौता

जानकारों का कहना है कि जब अजित डोभाल ने प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक सुरक्षा मामलों के अपने समकक्ष मोइद यूसुफ से मुलाकात की थी, उसी समय कुछ सकारात्मक संकेत मिले थे। इस मुलाकात ने ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा के साथ बातचीत की पहल को आगे बढ़ाया था।

हालांकि फिलहाल यूसुफ ने डोभाल के साथ किसी भी बैठक से इनकार किया है, उन्होंने ट्वीट किया कि "ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है", और ऐसे दावों को "बेकार" कहा है। लेकिन दोनों देशों की सेनाओं ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समझौते का पालन करने की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद परिवर्तन के संकेत दिखाई दिए हैं।

ये भी पढ़ेँ-भारत-पाक युद्धविराम: इससे पहले कब हुआ समझौता और कितनी बार हुआ उल्लघंन, यहां जानें

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव का कहना है कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य, पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है। हमने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि हम शांतिपूर्ण द्विपक्षीय तरीके से मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध रहें। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है, “प्रमुख मुद्दों पर, हमारी स्थिति अपरिवर्तित बनी हुई है। मुझे इसे दोहराने की जरूरत नहीं है। ”

loc india pakistan

भारत की नीति स्पष्ट रही है कि "आतंक और वार्ता एक साथ नहीं चलती"। इसी वजह से दोनों देशों के संबंधों में बातचीत को विराम लग गया था।

पाकिस्तान के खिलाफ FATF की कार्रवाई पर सवाल

श्रीवास्तव ने पाकिस्तान के खिलाफ फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया है, जिसमें आतंकी वित्तपोषण पर इस्लामाबाद के रिकॉर्ड का कोई उल्लेख नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि एफएटीएफ की "निर्णय लेने की अपनी प्रक्रियाएं" हैं।

नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम को बनाए रखने के फैसले के बारे में, यूसुफ ने ट्वीट किया, “नियंत्रण रेखा पर बेहतर सामंजस्य स्थापित DGMOs के चैनल के माध्यम से चर्चा का नतीजा है। पाकिस्तानी मंत्री ने उम्मीद जताई कि "पत्र और भावना" में एलओसी की समझ का पालन किया जाएगा। “ऐसा करने से निर्दोष लोगों की जान बच जाएगी, इसलिए किसी को भी इरादे पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। न ही गलत संदर्भ देखना चाहिए।”

पाकिस्तान सेना जनरल बाजवा की प्रतिक्रिया

पिछले दिनों पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत के साथ मिलकर 'शांतिपूर्ण तरीके से समाधान' निकालने की बात कही है।

NSA Ajit doval warns Pakistan China said India will-fight on our soil as well as foreign soil

इसके बाद 11 फरवरी को यूसुफ को यह कहते हुए उद्धृत किया गया, “यदि आप शांति चाहते हैं, तो हमें आगे बढ़ना होगा। अगर हम आगे बढ़ना चाहते हैं, तो हर किसी को तर्कसंगत होना चाहिए, न कि वैचारिक। ” ये संकेत थे कि पाकिस्तान संबंधों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है।

भारत ने इमरान खान के विमान को श्रीलंका के लिए एयर स्पेस दिया

18 फरवरी को पाकिस्तान ने दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में नौ देशों के स्वास्थ्य सचिवों की एक बैठक में भाग लिया, जबकि इस सप्ताह के शुरू में दिल्ली ने इमरान खान के विमान को श्रीलंका के रास्ते पर भारतीय वायु अंतरिक्ष में उड़ान भरने की अनुमति दी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से मिलने के लिए दिसंबर 2015 में लाहौर में अप्रत्याशित रूप से रुके थे लेकिन एक सप्ताह बाद ही पठानकोट आतंकी हमले से संबंधों में विराम लग गया है। उरी और पुलवामा में हुए हमलों और अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण ने वार्ता की किसी भी संभावना को बहुत दूर ढकेल दिया था।

ये भी पढ़ेँ-पाकिस्तानी एक्टर का बड़ा खुलासा, इस महिला ने किया शोषण, बाॅलीवुड पर कही ये बात

लेकिन अब अगर दोनो देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने की दिशा में हालात बन रहे हैं तो दोनों देशों की जनता और क्षेत्र के विकास के यह हित में है। लेकिन चीन और पाकिस्तान जो कहते हैं और जो करते हैं इसमें जमीन आसमान का अंतर होता है इसलिए सतर्कता बहुत ही आवश्यक है।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story