भारत ने दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए यहां तैनात की राइफल वूमन, जानें इनके बारे में

जम्मू कश्मीर में लाइन ऑफ़ कंट्रोल (एलओसी) पर अब महिला सैनिकों की भी तैनाती की जा रही है। जिस इलाके में इनकी ड्यूटी लगाई जा रही हैं, वो काफी ऊंचाई पर स्थित एक दुर्गम इलाका है, वहां पर ड्यूटी करना आम लोगों के बस की बात नहीं है।

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Published on: 4 Aug 2020 1:41 PM GMT
भारत ने दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए यहां तैनात की राइफल वूमन, जानें इनके बारे में
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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में लाइन ऑफ़ कंट्रोल (एलओसी) पर अब महिला सैनिकों की भी तैनाती की जा रही है। जिस इलाके में इनकी ड्यूटी लगाई जा रही हैं, वो काफी ऊंचाई पर स्थित एक दुर्गम इलाका है, वहां पर ड्यूटी करना आम लोगों के बस की बात नहीं है। इनमें से कई महिला सैनिक शादीशुदा तो कुछ शहीदों की पत्नियां भी हैं।

आमतौर पर असम राइफल्स के निदेशक भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी होते हैं। अर्धसैनिक बल होने के नाते, असम राइफल्स गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

इनका तल्लुक असम रायफल से है। इनके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इन रेजीमेंट में शामिल होने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। इसमें कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जो शहीदों की पत्नियां हैं।

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पाकिस्तान के नजदीक वाले इलाके में तैनाती

ये सैनिक नियमित सुरक्षा के अलावा ड्र्ग्स की स्मगलिंग, फेक करेंसी और हथियार चोरी चुपके भारत आने से रोकेंगी। जिस इलाके में इनकी तैनाती है वो पाकिस्तान अधिकृत से बहुत करीब है। जहां से पाकिस्तानी आतंकवादी लगातार भारत में घुसपैठ करते हैं। ये महिला सैनिक यहां से गुजरने वाले हर वाहन को चेक करती हैं।

नौ महिला सैनिकों की पलटन यहां तैनात की गई है। पिछले दिनों सुखवी स्थित असम राइफल्स के ट्रेनिंग सेंटर एंड स्कूल में पासिंग परेड के बाद 100 महिला सैनिकों को इस रेजीमेंट में शामिल किया गया था। असम राइफल्स का इतिहास 181 साल पुराना है।

आम लोगों को सीमा पर महिला सैनिकों की तैनाती के बारे में पता एक वायरल वीडियो के जरिये हुआ है। जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें लड़ाकू यूनिफॉर्म में राइफल वूमन को भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात देखा जा सकता है। भारतीय सेना के एक पूर्व अधिकारी ने ट्वीट के जबाव में बताया कि ये महिलाएं असम राइफल्स से हैं, जो सबसे पुराना अर्धसैनिक बल है।

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पहली बार बॉर्डर पर महिलाओं की तैनाती

ये राइफल वूमन असम राइफल्स की बेशक हैं लेकिन फिलहाल डेपुटेशन पर इंडियम आर्मी में भेजी गई हैं। ये देश का पहला मौका है जबकि महिला सैनिकों को एलओसी पर तैनात किया गया है।

उन्हें 10000 फीट की ऊंचाई पर एलओसी के सढ़ाना टॉप पर तैनात किया गया है। ये पहला मौका भी जबकि उन्हें नेशऩल सेक्यूरिटी ड्यूटी पर तैनात किया गया है। इस नौ राइफल वूमन हैं, उनकी अगुवाई इंडियन आर्मी की कैप्टेन रैंक की अफसर कर रही है।

यहां बताते चलें कि भारतीय सेना के तीनों कमांड में अब महिलाओं की नियुक्ति हो रही है। अब तक तो उन्हें शार्ट कमीशन मिलता था लेकिन अब सरकार ने उनके परमानेंट कमीशन की परमिशन दे दी है।

साथ ही मोर्चे पर भी महिलाओं की तैनाती हो सकती है। उसके बाद महिलाओं को पहली बार ये जिम्मेदारी देना एक बड़ा कदम है और इससे लगता है कि भविष्य में हम महिलाओं को और भी अहम रोल में देख सकेंगे।

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