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चीन पर भारत का बड़ा बयान, कहा- जम्मू कश्मीर को UT दर्जा देना अंदरूनी मामला
भारत ने जम्मू -कश्मीर और लद्दाख पर चीन के बयान की निंदा की है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को यूनियन टेरिटरी (यूटी) का दर्जा देना भारत का अंदरूनी मामला है।
नई दिल्ली: भारत ने जम्मू -कश्मीर और लद्दाख पर चीन के बयान की निंदा की है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश(यूनियन टेरिटरी) का दर्जा देना भारत का अंदरूनी मामला है। इसलिए चीन को इससे दूर रहना चाहिए।
मंत्रालय की तरफ से ये भी कहा गया है कि चीन का भी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर कब्ज़ा है।
1963 में पाक और चीन के बीच करार हुआ था। पीओके में सीपैक कॉरिडोर पर भी हमने पाक और चीन से ऐतराज़ जताया था।
बताते चले कि चीन ने जम्मू -कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश(यूनियन टेरिटरी) का दर्जा देने पर आपत्ति जताई है। जिसके बाद आज भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से इस मसले पर प्रतिक्रिया दी गई है।
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भारत ने पहले भी चीन को चेताया था
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत लगातार चीन और पाक द्वारा पीओके में चलाए जा रहे ‘चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपैक) का विरोध करता रहा है। क्योंकि यह प्रोजेक्ट भारत के उस इलाके में चलाया जा रहा है जिस पर पाक ने 1947 से ही अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
भारत पाक के कब्जे वाले कश्मीर की यथास्थिति बदलने की किसी भी अन्य देश की कोशिशों का विरोध करता है। हम इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी पक्षों से तुरंत कार्रवाई बंद करने की मांग करते हैं।
चीन ने पाक के समर्थन में यूएन में उठाया था कश्मीर मुद्दा
जम्मू-कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद चीन ने पाक के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस मामले को उठाया था। हालांकि, यूएन में सिर्फ एक गुप्त बैठक हुई थी, जो कि बेनतीजा रही थी।
चीन परिषद का स्थायी सदस्य है। अब तक रूस, अमेरिका और यूएई समेत ज्यादातर देश कश्मीर मसले पर भारत के साथ रहे हैं।
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किसी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन नहीं किया: भारत
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की लगातार कोशिश करता रहा है और वह इस मामले में विश्व समुदाय को शामिल करने का प्रयास करता रहा है।
पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत के अनुच्छेद 370 हटाने के कदम से न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय शांति को खतरा उत्पन्न हुआ है।
हालांकि भारत ने स्पष्ट किया था कि यह उसका आंतरिक मामला है और उसने किसी भी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का उल्लंघन नहीं किया है।
क्या होते हैं केंद्र शासित प्रदेश और क्या होते हैं इनके मायने-
केन्द्र शासित प्रदेश या संघ-राज्यक्षेत्र भारत के संघीय प्रशासनिक ढांचे की एक उप-राष्ट्रीय प्रशासनिक इकाई है। भारत के राज्यों की अपनी चुनी हुई सरकारें होती हैं, लेकिन केन्द्र शासित प्रदेशों में सीधे-सीधे भारत सरकार का शासन होता है।
भारत का राष्ट्रपति हर केन्द्र शासित प्रदेश का एक सरकारी प्रशासक या उप राज्यपाल नामित करता है।
क्यों बनाए जाते हैं केंद्र शासित प्रदेश
अब सवाल उठता है कि भारत में केंद्र शासित प्रदेश क्यों बनाये गए हैं? इसका कोई स्पष्ट एक कारण नहीं है बल्कि इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हैं।
इसमें कुछ महत्वपूर्ण कारण ये हैं कि छोटे आकार का क्षेत्र और कम जनसंख्या वाला क्षेत्र, अलग संस्कृति, प्रशासनिक महत्व आदि तत्वों की सुरक्षा करना आदि।
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