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सावधान, आज पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा चंद्रमा, जानिए क्या होगा असर

इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव बताते हैं कि मंगलवार की रात 11 बजकर 38 मिनट पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब होगा। इस समय चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी मात्र 356900 किलोमीटर रह जाएगी।

Aditya Mishra
Published on: 7 April 2020 6:14 AM GMT
सावधान, आज पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा चंद्रमा, जानिए क्या होगा असर
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लखनऊ: मंगलवार की रात चंद्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा नजदीक होगा। वहीं आठ अप्रैल को पूर्णिमा का चांद यानी सुपरमून का नजारा देखने को मिलेगा।

इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव बताते हैं कि मंगलवार की रात 11 बजकर 38 मिनट पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे ज्यादा करीब होगा। इस समय चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी मात्र 356900 किलोमीटर रह जाएगी।

दिन के उजाले में नहीं होगा दीदार

खगोल विज्ञान के अनुसार चंद्रमा की यह स्थिति पेरिगी की स्थिति कहलाती है। इस समय से ही चन्द्रमा हमें काफी बड़ा दिखना शुरू हो जाएगा। मगर सुपर मून देखने के लिए हमें बुधवार का इंतजार करना होगा क्योंकि पूर्णिमा अगले दिन यानी 8 अप्रैल को सुबह आठ बजे होगी।

दिन के उजाले में हम सुपरमून के दीदार नहीं कर सकेंगे इसलिए बुधवार को सूर्यास्त के तुरंत बाद सुपर मून के अद्भुद नजारे को पूरी रात अवलोकित कर सकेंगे क्योंकी आठ अप्रैल को चन्द्रमा अस्त नहीं होगा।

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सुपरमून एक विलक्षण घटना

सामान्य रूप से पृथ्वी की चंद्रमा से दूरी 384400 किलोमीटर मानी जाती है तथा चन्द्रमा की पृथ्वी से सबसे ज्यादा दूर होने पर ये दूरी लगभग 405696 किलोमीटर हो जाती है । इसे खगोल विज्ञान में अपोगी की स्थिति कहते हैं।

सुपरमून एक विलक्षण घटना है जिसका हम दीदार कर सकेंगे इस पूरे वर्ष चंद्रमा पृथ्वी के इतना करीब कभी नहीं आएगा। सुमित बताते हैं कि चन्द्रमा के पेरीगी स्थिति में पहुंचने के ठीक आठ घंटे और 35 मिनट के बाद चन्द्रमा की पूर्णिमा की अवस्था आएगी।

क्योंकि यह बुधवार की सुबह 8:05 बजे नजर आएगा और इस समय सूर्योदय हो चुका होगा। इसलिए हमें सुपर मून को देखने के लिए रात तक का इंतजार करना होगा । आठ अप्रैल की पूरी रात्रि हम सुपर मून देख सकेंगे।

'क्या होता है सुपर मून'

'सुपर मून' के समय चंद्रमा पहले से ज्यादा बड़ा और चमकदार बड़ा दिखाई देता है। वैज्ञानिकों के लिये ये उपयुक्त वक्त होता है जब वे चंद्रमा से जुड़ी तमाम रहस्यों के बारे में अध्ययन व अन्वेषण कर सकते हैं।

'सुपर मून' के कारण चंद्रमा हर दिन के मुकाबले 14 फीसदी बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकदार दिखाई देता है। पश्चिमी देशों में इसे Snow Moon, Storm Moon या Hunger Moon कहा जाता है।

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सुपर मून से कोरोना का दुष्प्रभाव कम होगा

ज्योतिर्विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिषविद् डॉ. विपिन पांडे ने बताया कि पृथ्वी पर स्थित समस्त औषधियां चंद्रमा से ऊर्जा प्राप्त करती हैं। इसीलिये चंद्रमा को औषधिपति कहा जाता है। शुक्ल पक्ष के आरम्भ के साथ क्रमश: चंद्रमा का बल बढ़ता जाता है।

पूर्णमासी को चंद्रमा सर्वाधिक प्रभावशाली हो जाता है। सुपरमून की स्थिति में चंद्रमा पूर्णमासी से भी अधिक बलशाली होते हैं। कोरोना पर भी चंद्रमा की सुपरमून अवस्था का प्रभाव पड़ेगा।

इसके साथ ही 14 अप्रैल को सूर्य मेष राशि में जाएंगे तब कोरोना की स्थिति में नियंत्रण होना शुरू हो जाएगा। 14 मई को सूर्य वृष राशि में गोचर करेंगे। वृष राशि स्थिर राशि होती है, इसलिए कहा जा रहा है कि 14 मई को कोरोना का प्रकोप भारत में रुक जाएगा।

Aditya Mishra

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