×

सेना का बड़ा खुलासाः जितने का खराब गोला बारूद खरीदा, आ जाते 100 आर्टिलरी गन

जहां एक तरफ भारतीय सेना चीन के साथ मैदान में आमने सामने खड़ी हैं, वही दूसरी तरफ सेना में आई एक इंटरनल रिपोर्ट ने सभी के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले 6 सालों में सरकारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड से जितने रुपये में खराब गोला बारूद खरीदा है, उतने  रुपये में सेना को करीब 100 आर्टिलरी गन मिल सकती थी।

Monika
Published on: 29 Sep 2020 11:23 AM GMT
सेना का बड़ा खुलासाः जितने का खराब गोला बारूद खरीदा, आ जाते 100 आर्टिलरी गन
X
सेना का बड़ा खुलासाः जितने का खराब गोला बारूद खरीदा, आ जाते 100 आर्टिलरी गन

जहां एक तरफ भारतीय सेना चीन के साथ मैदान में आमने सामने खड़ी हैं, वही दूसरी तरफ सेना में आई एक इंटरनल रिपोर्ट ने सभी के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले 6 सालों में सरकारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड से जितने रुपये में खराब गोला बारूद खरीदा है, उतने रुपये में सेना को करीब 100 आर्टिलरी गन मिल सकती थी।

6 सालों से ले रहे थे ख़राब गोला बारूद

आपको बता दें, कि यह दावा सेना के अंतर्गत की गई एक रिपोर्ट में किया गया है, जिसे रक्षा मंत्रालय को दिया गया। साल 2014 से लेकर 2020 के बीच को भी खराब क्वालिटी की गोला बारूद ख़रीदा गया उसकी कीमत करीब 960 करोड़ रुपये तक पहुंचती है। इन करोड़ खर्च किए गए रुपये में सेना को 150-MM की मीडियम आर्टिलरी गन मिल सकती थीं।

सेना ने भी की आलोचना

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) दुनिया की सबसे पुरानी सरकारी ऑर्डिनेंस प्रोडक्शन यूनिट में से एक है। जिसका संचालन रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत ही होता है। इसी के तहत सेना के लिए गोलाबारूद बनाया जाता है, जिसकी सेना ने आलोचना की है। जिन प्रोडक्ट में खामी पाई गई है, उनमें 23-MM के एयर डिफेंस शेल, आर्टिलरी शेल, 125 MM का टैंक राउंड समेत अलग-अलग कैलिबर की बुलेट्स शामिल हैं।

ये भी देखें: बाबरी ध्वंसः इकबाल अंसारी की अपील, इसलिए बरी कर दें इन्हें

सिर्फ पैसों का नुकसान

सेना की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन खराब क्वालिटी के गोला बारूद से ना सिर्फ पैसों का नुकसान हुआ है, बल्कि कई घटनाओं में मानवीय क्षति भी हुई है।इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खराब क्वालिटी के प्रोडक्शन के कारण जो घटनाएं और मानवीय क्षति होती है, वह औसतन एक हफ्ते में एक होती है।

ये भी देखें: चर्चा में फिर राफेल डीलः ऑफसेट क्लाज खत्म होने का क्या होगा असर, क्यों हुआ खत्म

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story