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बड़ी कामयाबी! रेलवे ने कर दिखाया ये बड़ा काम, बनाया ऐसा टनल
रेलवे ने माल ढुलाई के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। आंध्र प्रदेश के चेरलोपल्ली और रापुरु रेलवे स्टेशन से बीच देश की सबसे लंबी electrified टनल तैयार की गई है, वो भी सिर्फ 41 महीनों में।
नई दिल्ली: रेलवे ने माल ढुलाई के क्षेत्र में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। आंध्र प्रदेश के चेरलोपल्ली और रापुरु रेलवे स्टेशन से बीच देश की सबसे लंबी electrified टनल तैयार की गई है, वो भी सिर्फ 41 महीनों में। टनल में ऑस्ट्रे्लियाई तनकीक इस्तेमाल की गयी है। हॉर्स शू यानी घोड़े की नाल के आकार में बनी ये टनल, अपने डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी की वजह से शुर्खियों में है। हॉर्स शू मॉडल की तकनीक मजबूत पहाड़ों में इस्तेमाल की जाती है। पुरानी और इस तकनीक में फर्क ये है कि इसमें कम पहाड़ों को काटने की जरूरत होती है। इस वजह से खर्च भी कम आता है।
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हम आपको बता दें कि चेरलोपल्ली और रापुरु स्टेशनों के बीच बनी इस टनल की लंबाई 6।6 km है और इसे बनाने में करीब 480 करोड़ रुपए की लागत आयी है।
केवल 41 महीने में तैयार किया गया 6।6 km लंबा टनल-टनल में हर 10 मीटर की दूरी पर एक LED लाइट लगाई गई है। इस टनल को 43 महीने में तैयार करना रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती रही। गुंटुर Division के DRM आलोक तिवारी बताते हैं कि इस टनल को तैयार करना अपने आप में चुनौती थी।
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गेम चेंजर साबित होगी ये टनल- ये नई इलेक्ट्रिफाइड टनल कृष्णपत्नम पोर्ट और इसके अंदर के क्षेत्रों को रेल से जोड़ती है। बड़ी कामयाबी ये है कि इस टनल के बनने के बाद कृष्णपत्नम बंदरगाह और ओबुलाबरिपल्ली और कृष्णपत्नम पोर्ट के बीच दूरी करीब 70 km तक कम हो गयी। यानी इन दोनों जगहों के बीच मालगाड़ी पहुचने में जो 10 घंटे का वक़्त लगता था वो अब 5 घंटे का हो गया है। ज़ाहिर तौर पर मालगाड़ियों के संचालन में ये सबसे लंबी electrified टनल गेम चेंजर साबित होगी।