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रेल यात्री हो जाएं खुश: मिलेगी सबको एसी की सुविधा, किराया भी होगा सस्ता
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वीके यादव ने बताया कि इसके पीछे मुख्य मकसद ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को AC की सुविधा देना है। कुछ दिनों पहले बताया गया था कि AC 3-टियर में 72 बर्थों की जगह 83 बर्थ होंगी।
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे अब अपने रेल कोच को नए रूप में लाने की तैयारी कर रहा है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वीके यादव ने गुरुवार को बताया कि एसी थ्री टियर का नया कोच डिजाइन किया गया है। उन्होंने बताया कि अगले साल से इस नए एसी थ्री टियर कोच की शुरुआत की जाएगी। इस नए कोच में स्लीपर और एसी थ्री के बीच का किराया तय किया जाएगा।
अब ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को AC की सुविधा देना
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वीके यादव ने बताया कि इसके पीछे मुख्य मकसद ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को AC की सुविधा देना है। कुछ दिनों पहले बताया गया था कि AC 3-टियर में 72 बर्थों की जगह 83 बर्थ होंगी। शुरुआत में इन कोच को एसी-3 टियर टूरिस्ट क्लास भी कहा जाएगा। बताया जा रहा है कि इन ट्रेनों का किराया भी सस्ता होगा ताकि यात्री इसमें सफ़र कर सके। पहले फेज में इस तरह के 230 डिब्बों का निर्माण किया जाएगा।
स्पीड भी बढ़ाई जाएगी 130 किमी प्रति घंटा पर ट्रेनें चलेंगी
वीके यादव की मानें तो ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ाई जा रही है। अभी तक 110 किमी प्रति घंटा पर चल रही है। वहीं, नई दिल्ली से मुंबई और नई दिल्ली से कोलकत्ता पर जून 2021 तक 130 किमी प्रति घंटा पर ट्रेनें चलेंगी। उन्होंने बताया कि स्लीपर क्लास कोच हटाने की कोई योजना नहीं है।
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पहले भी बन चुकी है ये योजना
बता दें कि 2004-09 के बीच कांग्रेस की सरकार के दौरान ने इकोनॉमिकल एसी 3-टियर क्लास डिब्बों को तैयार करने के बारे में योजना तैयार की थी। उसी समय गरीब रथ एक्सप्रेस ट्रेनें लॉन्च हुई थीं, जिन्हें एसी इकोनॉमी क्लास कहा गया। हालांकि, यात्रियों ने इसमें सफर के दौरान परेशानी की बात कही। साथ ही ट्रेन में भीड़भाड़ की स्थिति भी पैदा होने लगी। बाद में इस तरह के कोच का उत्पादन बंद कर दिया गया।
पंजाब में ट्रेनों का सञ्चालन अभी नहीं
बताया गया कि पंजाब में विरोध प्रदर्शन की वजह से ट्रेनें नही चला पा रहे है। लॉ आर्डर की स्थिति ठीक होने पर ही ट्रेनें चलाई जाएगी। लोग ट्रैक्स पर है, हम कोई खतरा नहीं लेना चाहते है। किसानों का कहना है कि केन्द्र सरकार इन "काले कानूनों'' के जरिए कुछ कॉरपोरेट हाउसों को लाभ पहुंचाना चाहती है। ये किसान एक अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल रोको आंदोलन चला रहे हैं।
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(Railway Board CEO Vinod Kumar Yadav)