TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

रेलवे ने उठाया बड़ा कदम, दिया 32 अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट, जानिए पूरी बात

भारतीय रेलवे ने 32 अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया है। इसमें कई निचले स्तर के भी अधिकारी भी हैं। जानकारी के मुताबिक इन अधिकारियों को भ्रष्टाचार और नॉन परफॉर्मेंस के मद्देनजर रिटायर किया गया है।प्रधानमंत्री कार्यालय ने रेल मंत्रालय को निर्देश दिया था

suman
Published on: 7 Dec 2019 12:29 PM IST
रेलवे ने उठाया बड़ा कदम, दिया 32 अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट, जानिए पूरी बात
X

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने 32 अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दे दिया है। इसमें कई निचले स्तर के भी अधिकारी भी हैं। जानकारी के मुताबिक इन अधिकारियों को भ्रष्टाचार और नॉन परफॉर्मेंस के मद्देनजर रिटायर किया गया है।प्रधानमंत्री कार्यालय ने रेल मंत्रालय को निर्देश दिया था कि नॉन परफॉर्मेंस और भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी फिक्स की जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पीएम ने इंफ्रास्ट्रक्चर सचिवों की मीटिंग में भी ऐसे अफसरों को चिन्हित करने को कहा था।

यह पढ़ें...रेप पीड़िता की मौत को लेकर धरने पर बैठे अखिलेश, प्रियंका गांधी उन्नाव के लिए रवाना

इस कानून के तहत रेलवे जनहित में उन अधिकारियों रिटायर दिया है। जो 55 साल की उम्र पूरी कर चुके हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने से पहले इन्हें नोटिस दिया गया था। जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है वे अलग-अलग जोन से हैं। इससे पहले रेलवे ने सभी बोर्ड को कहा था कि उन अधिकारियों की सूची बनाई जाए तो परफॉर्मेंस के पैमाने पर सही नहीं उतर रहे थे। इसके अलावा उन अधिकारियों के बारे में भी पूछा गया था जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।

सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) 1972 के नियम में कहा गया है कि 30 साल की सेवा पूरी कर चुके या 50 की उम्र पार कर चुके अधिकारियों की सेवा सरकार समीक्षा के आधार पर समाप्त कर सकती है। इसके लिए सरकार को नोटिस देना होगा और तीन महीने का वेतन भत्ता भी देना होगा। अक्षमता या अनियमितता के आरोपों के बाद यह समीक्षा की जाती है।

सरकार के पास जबरन रिटायरमेंट देने का विकल्प दशकों से है लेकिन अब तक इसका इस्तेमाल बहुत कम ही किया गया है। हालांकि वर्तमान सरकार इन नियमों को सख्ती से लागू करने में जुटी है। इस नियम में अब तक ग्रुप ए और बी के अधिकारी ही शामिल थे लेकिन अब ग्रुप सी के अधिकारियों को भी इसके दायरे में लाया गया है। केंद्र सरकार ने अब सभी केंद्रीय संस्थानों से मासिक रिपोर्ट मांगना शुरू किया है।



\
suman

suman

Next Story