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छल से इस तरह कोहिनूर ले गए थे अंग्रेज, अब भारत कर रहा ये मांग
भारत के कोहिनूर हीरे सहित कई बेशकीमती जवाहरों से जड़ा ब्रिटेन का शाही ताज एक बार फिर चर्चा में है। सोशल मीडिया पर लोग ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-II के एक..
नई दिल्ली। भारत के कोहिनूर हीरे सहित कई बेशकीमती जवाहरों से जड़ा ब्रिटेन का शाही ताज एक बार फिर चर्चा में है। सोशल मीडिया पर लोग ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-II के एक बयान का हवाला देते हुए उनसे कोहिनूर लौटाने की मांग करने लगे।
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दरअसल ब्रिटिश टैबलॉयड में 65 साल के ब्रिटेन की गद्दी पर बैठी महारानी एलिजाबेथ के हवाले से बताया गया, 'आप भाषण नीचे रखकर पढ़ भी नहीं सकती, आपको इसे ऊपर उठाना पड़ता है, क्योंकि आपने नीचे रखकर पढ़ा तो आपकी गरदन टूट जाएगी- या यह ताज नीचे गिर जाएगा।'
भारती यूजर्स ने जवाहरात लौटाने की मांग करने लगे
अब भला यह ताज भारी हो भी क्यों न, इसमें 2868 हीरे, 17 नीलम, 11 पन्ने और कुल 269 मोतियां जो जड़ी हैं। हालांकि 91 साल की बुजुर्ग महारानी की इस स्वीकारोक्ति पर ट्विटर पर चर्चा छिड़ गई और भारत के यूजर्स उनसे सारे जवाहरात लौटाने की मांग करने लगे।
दरअसल 105.6 कैरेट का यह कोहिनूर हीरा भारत का हुआ करता था, लेकिन भारत पर कब्जे के दौरान ब्रिटिश सैनिक इसे इंग्लैंड ले गए और वहां इसे राजा के ताज में जड़ दिया है।
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इस मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 2018 में एक आरटीआई के जवाब में बताया था, 'हमारे पास मौजूद रिकॉर्ड्स के मुताबिक, लॉर्ड डलहौजी और महाराजा दिलीप सिंह के बीच 1849 में हुए लाहौर समझौते के तहत कोहिनूर हीरा लाहौर के महाराज ने ब्रिटेन की तत्कालीन क्वीन विक्टोरिया के हवाले कर दिया था।' हालांकि एक बात यहां गौर करने वाली है कि इस समझौते के वक्त दिलीप सिंह महज 9 साल के थे।