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भारतीय सेना में बढ़ रहा है स्पर्म फ्रीज़िंग का चलन, वजह खास है

हम जो आपको बताने वाले हैं वो आपके लिए हैरतअंगेज हो सकता है। हमारी सेना के जवान आजकल अपने स्पर्म को फ्रीज करवा रहे हैं। हमें मिली जानकारी के मुताबिक ऐसे सैनिक जो लम्बे समय तक घर से दूर पोस्टेड होते हैं वो मिलिट्री हॉस्पिटल में अपना स्पर्म फ्रीज करवा रहे हैं। यहां उनसे किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता।

Rishi
Published on: 10 March 2019 4:25 PM IST
भारतीय सेना में बढ़ रहा है स्पर्म फ्रीज़िंग का चलन, वजह खास है
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लखनऊ : हम जो आपको बताने वाले हैं वो आपके लिए हैरतअंगेज हो सकता है। हमारी सेना के जवान आजकल अपने स्पर्म को फ्रीज करवा रहे हैं। हमें मिली जानकारी के मुताबिक ऐसे सैनिक जो लम्बे समय तक घर से दूर पोस्टेड होते हैं वो मिलिट्री हॉस्पिटल में अपना स्पर्म फ्रीज करवा रहे हैं। यहां उनसे किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता।

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जानकारी के मुताबिक सीमाओं पर पोस्टिंग के दौरान सैनिकों को जान का खतरा रहता है। ऐसे में वो स्पर्म फ्रीज़ करवाते हैं ताकि उनका वंश चलता रहे।

गुजरात की बात करें तो अहमदाबाद मिलिट्री हॉस्पिटल के स्पर्म सेंटर के मुताबिक वर्ष 2016 से 2018 के बीच 140 सैनिकों ने अपना स्पर्म फ्रीज़ करवाया। वहीं राजस्थान और महाराष्ट्र में भी काफी तेजी से ये चलन बढ़ा है। हाल में ही बिहार में भी ये सुविधा आरंभ हुई है।

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क्या है स्पर्म फ्रीज़िंग

सैंपल लेने से पहले सैनिक का ब्लड टेस्ट होता है।

स्पर्म काउंट की डिटेलिंग होती है।

स्पर्म को सॉल्यूशन के साथ मिलाया जाता है।

नाइट्रोजन फ्रीज़िंग के लिए रखा जाता है।

फ्रीज़िंग के दौरान इसे माइनस 198 डिग्री तक पहुंचाया जाता है।

फ्रीज़िंग के बाद इसे 10 से 15 साल के बीच कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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