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Technical Education: पुरानी फाइल से! तकनीकी शिक्षा के हर स्तर पर शामिल होगा सूचना प्रौद्योगिकी का पाठ्यक्रम

Technical Education: तकनीकी शिक्षा के हर स्तर पर सूचना प्रौद्योगिकी का पाठ्यक्रम शामिल होगा, इस फैसले के अनुसार सभी क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेजों और 100 से अधिक आईटीआई में संभवतः 2001 से पाठ्यक्रम शुरू हो गया होगा।

Yogesh Mishra
Published on: 15 May 2023 12:16 AM IST
Technical Education: पुरानी फाइल से! तकनीकी शिक्षा के हर स्तर पर शामिल होगा सूचना प्रौद्योगिकी का पाठ्यक्रम
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 Technical Education (social media)

Technical Education:नई दिल्ली, 14 जून, 2000, सूचना क्रांति का देश के विकास में महत्व को समझते हुए अब सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी को तकनीकी शिक्षा के हर स्तर पर शामिल करने का मन बना लिया है। इन पाठ्यक्रमों की मांग अधिक होने के कारण इन्हें क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कालेज से लेकर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों तक में शामिल किया जा रहा है।

यह पाठ्यक्रम आगामी शैक्षणिक सत्र से देश के कुछ संस्थानों में शुरु हो जाने की संभावना है। लेकिन 2001 से आरंभ होने वाले सत्र में यह पाठ्यक्रम देश के सभी क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कालेजों सहित सौ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में पूरी तरह शुरु कर दिया जाएगा। हालांकि इस पाठ्यक्रम की शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर हुई है ।लेकिल इस पाठ्यक्रम के लिए अध्यापकों को प्रशिक्षित करने पर आने वाली लागत को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय वहनकरेगा। आवश्यक सामग्री तैयार करने का जिम्मा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और सूचना प्रौद्यिागिकी मंत्रालय को सामूहिक रुप से सौंपा गया है।

अब तक सूचना तकनीकी से जुड़े पाठ्यक्रम भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईआईटी) द्वारा संचालित किए जाते रहे है। देश में इस तरह के चार संस्थान हैं। इनमें से हैदराबाद का संस्थान निजी क्षेत्र में स्थापित किया गया है। कलकत्ता स्थित संस्थान की स्थापना पश्चिम बंगाल सरकार ने की है।

शेष दोनों संस्थान केंद्र सरकार के अधीन हैदराबाद और इलाहाबाद में है। बंगलूर व मुंबई में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के समीप ही दो नए परिसरों का निमार्ण कर उन्हें भी साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी केंद्र का दर्जा दिया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के इस पाठ्यक्रम के लिए जहां देश के सभी 17 क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कालेजों का चुनाव किया गया है । वही सौ औद्योगिकी प्रशिक्षण संस्थानों को भी चिह्नित किया गया है। इंजीनियरिंग कालेजों में जहां सूचना तकनीकी से जुड़े स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित किए जाएगें वहीं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों मे प्रमाण पत्र प्रदान करने वाले पाठ्यक्रम चलाए जाएगें। श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इन सभी प्रशिक्षण संस्थानों का चुनाव रोजगार और प्रशिक्षण महानिदेशालय ने किया है। इन संस्थानों से दो-दो प्रशिक्षकों को सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक अनुरक्षण प्रणाली (सीईडीटीआई) का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पर आने वाला खर्च सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय वहन करेगा।

इन पाठ्यक्रमो को शुरु करने का प्रत्यक्ष उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सामान्य शिक्षण को बढ़ावा देना तो है ही साथ ही मंत्रालय का यह भी मानना है कि इससे अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार सृजन की संभावलाएं भी बढ़ेगी। यह भी तय किया गया है कि देश में सूचना से संबंधित प्राथमिक एवं माध्यमिक तकनीकी के शिक्षण की व्यवस्था भविष्य में आरंभिक कक्षाओं से ही की जाएगी।
सात स्त्रोत केंद्रों और 12 प्रतिभागी संस्थाओं को शामिल कर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं के विशेषज्ञों के कार्यकारों दल द्वारा बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग और मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
(मूल रुप से दैनिक जागरण के नई दिल्ली संस्करण में दिनांक 15 जून, 2000 को प्रकाशित)



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Yogesh Mishra

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