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ISRO ने दिखाई चंद्रयान-2 की पहली झलक, 15 जुलाई को भरेगा उड़ान

इसरो ने चंद्रमा पर अपना रोवर उतारने के महत्वाकांक्षी और बहुचर्चित स्पेस मिशन चंद्रयान-2 की लांचिंग की तारीख का ऐलान कर दिया है। 15 जुलाई को सुबह 2.51 मिनट पर चंद्रयान-2 उड़ान भरेगा।

Vidushi Mishra
Published on: 12 Jun 2019 10:06 AM GMT
ISRO ने दिखाई चंद्रयान-2 की पहली झलक, 15 जुलाई को भरेगा उड़ान
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नई दिल्ली: इसरो ने चंद्रमा पर अपना रोवर उतारने के महत्वाकांक्षी और बहुचर्चित स्पेस मिशन चंद्रयान-2 की लांचिंग की तारीख का ऐलान कर दिया है। 15 जुलाई को सुबह 2.51 मिनट पर चंद्रयान-2 उड़ान भरेगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने बुधवार पहली बार चंद्रयान-2 की झलक दिखाई। यह पूरी तरह स्वदेशी अभियान है। भारत चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने की कोशिश कर रहा है। यहां पहुंचने की कोशिश आज तक किसी देश ने नहीं की।

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चंद्रयान-2 में तीन मॉड्यूल होंगे। इनमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर हैं। इन सभी को लांच व्हीकल जीएसएलवी एमके-3 स्पेस में लेकर जाएगा। लांच व्हीकल जीएसएलवी एमके-3 को भारत में ही बनाया गया है।

इसरो के चेयरमैन डा. के सिवन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, चंद्रयान-2 के लैंडर को विक्रम और रोवर को प्रज्ञान नाम दिया गया है। रोवर प्रज्ञान को लैंडर विक्रम के अंदर रखा जाएगा और चांद की सतह पर विक्रम के लैंड होने पर इसे तैनात कर दिया जाएगा।

डा. सिवन ने कहा, चंद्रयान-2 मिशन के तीन हिस्से होंगे। चंद्रयान-2 को जीएसएलवी एमके-3 की मदद से लांच किया जाएगा। चंद्रयान-2 का कुल वजन 3.8 टन है। इनमें से 1.3 टन इसके प्रोपेलर का है।

इसरो के चेयरमैन के मुताबिक, हम छह या सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर होंगे। यह चंद्र दिवस का शुरुआती दिन होगा। पूर्ण चांद के दिन हमारे लैंडर और रोवर अपना वैज्ञानिक परीक्षण करना शुरू कर देंगे।

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इसरो के मुताबिक, ऑर्बिटर पहले चांद का चक्कर लगाएगा और फिर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतर जाएगा। इसके बाद चांद की सतह पर 6 पहियों वाला प्रज्ञान छोड़ दिया जाएगा।

चंद्रयान-2 भारत का दस साल में दूसरा मिशन है। चंद्रयान-1 को साल 2009 में भेजा गया था। हालांकि उसमें रोवर नहीं था। चंद्रयान-1 में केवल एक ऑर्बिटर और इंपेक्टर था। यह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा था।

Vidushi Mishra

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